पटना: लालू प्रसाद यादव ने बड़ी मुश्किल से राष्ट्रीय जनता दल का कुनबा संभाल रखा था. लेकिन तेजस्वी यादव अपनी लापरवाही और अनुभवहीनता के कारण सब कुछ गंवाते दिख रहे हैं.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद ने छोड़ी पार्टी
राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. रघुवंश प्रसाद फिलहाल कोरोना से पीड़ित हैं और पटना के एम्स में भर्ती हैं. वह लालू यादव के बेहद पुराने समय के साथी हैं और उनकी गिनती देश के दिग्गज नेताओं में होती है.
रघुवंश प्रसाद सिंह के केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री भी रहे हैं और उनके काम के लिए उनके विरोधी भी सराहना करते हैं. रघुवंश प्रसाद सिंह बेहद विद्वान व्यक्ति हैं और गणित के प्रोफेसर रहे हैं. राजद जैसी पार्टी में रहते हुए भी उनके दामन पर किसी तरह का दाग नहीं है.
बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी के मुताबिक रघुवंश प्रसाद सिंह बहुत अच्छे इंसान हैं. लेकिन गलत पार्टी में हैं. वह रघुवंश प्रसाद को एनडीए में आने का निमंत्रण बहुत पहले दे चुके हैं.
बाहुबली रामा सिंह के राजद में आने से नाराज हैं रघुवंश प्रसाद
लालू यादव के पुराने मित्र रघुवंश प्रसाद उनके बेटे तेजस्वी यादव के उटपटांग फैसलों से दुखी हैं. तेजस्वी ने रघुवंश प्रसाद के क्षेत्र वैशाली के बाहुबली रामा सिंह को राजद में शामिल किए जाने का फैसला किया है. तेजस्वी की पहल पर रांची जेल में रामा सिंह की मुलाकात लालू यादव से भी कराई गई.
इस बात से रघुवंश प्रसाद सिंह बेहद नाराज हैं. रामा सिंह जाना माना अपराधी है और उसके उपर हत्या, अपहरण, रंगदारी वसूली जैसे संगीन अपराधों में मुकदमा दर्ज है.
रामा सिंह ने 2014 के लोकसभा चुनाव में वैशाली से रघुवंश प्रसाद को पराजित किया था. लेकिन उसे दोबारा टिकट नहीं दिया गया. इसलिए रामा सिंह ने राजद का दामन थामने का फैसला किया है.
लेकिन रामा सिंह के राजद में शामिल होने की खबरों से रघुवंश प्रसाद सिंह बेहद व्यथित हुए और उन्होंने लालू यादव का साथ छोड़ने का फैसला कर लिया. हालांकि रघुवंश प्रसाद ने राजद में अपने पद से इस्तीफा दिया है. अभी उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है.
राजद खेमे में फैली है अफरा-तफरी
रघुवंश बाबू के इस्तीफा देने से पहले राजद के पांच विधान परिषद् सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया. इनके नाम हैं- संजय प्रसाद, कमरे आलम, राधाचरण सेठ, रणविजय सिंह और दिलीप राय.
ये सभी जदयू में शामिल हो गए हैं. ये पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है. बताया जा रहा है कि राजद के कई विधायक भी पाला बदलने के लिए तैयार हैं. चुनाव के पहले तेजस्वी यादव को और झटके लग सकते हैं.