नई दिल्लीः Farmers Protest को लेकर दिल्ली में अब सरगर्मी और अधिक बढ़ चुकी है. इसी के साथ इस मामले में अब सियासी बयार भी चलने लगी है. शनिवार को यह हवा सीधे हरियाणा से बही और दिल्ली तक आ गई.
दरअसल, हरियाणा में भाजपा और जननायक पार्टी साथ-साथ सरकार चला रहे हैं और किसान राजनीति से सीधे ताल्लुक रखने वाले दुष्य़ंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. इस मुलाकात में क्या खास रहा यह तो सीधे तौर पर सामने नहीं आया है, लेकिन दुष्यंत जो कह रहे हैं, इस वक्त वह बात बेहद ध्यान देने वाली है.
बात से ही निकलेगा समाधानः Dushyant Chautala
जानकारी के मुताबिक, हरियाणा के डिप्टी सीएम Dushyant Chautala ने शनिवार को कहा है कि किसानों के साथ केंद्र की बातचीत में एक-दो दिन में समाधान निकल सकता है. चौटाला ने कहा कि किसानों (Farmers Protest)की केंद्र सरकार से बातचीत के जरिये ही समाधान निकलेगा.
अगर कोई यह ठान ले कि बात नहीं करेंगे तो ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि तमाम बिन्दुओं को मान लिया गया है, अगर किसी और मुद्दे पर गतिरोध है तो उसे भी दूर किया जा सकता है.
चौटाला का बड़ा बयान
दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने शनिवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले 24 से 40 घंटे में केंद्र और किसान संगठनों के बीच अगले दौर की बातचीत होगी. दरअसल राजनाथ सिंह से मुलाकात के साथ ही उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी मुलाकात की थी. इसके बाद ही उन्होंने यह बयान दिया है.
I'm hopeful that there is mutual consent between the Centre and farmers' Union and we can resolve this issue by talks. I'm hopeful for next 28 to 40 hours, there will be another round of talks & some conclusive statement can be out: Dushyant Chautala, Haryana Dy Chief Minister https://t.co/3QIgYclPA1 pic.twitter.com/LeneZqxYjn
— ANI (@ANI) December 12, 2020
चौटाला ने कहा कि जब तक वह राज्य सरकार का हिस्सा हैं, प्रत्येक किसान की फसल की खरीद सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सुनिश्चित की जाएगी. चौटाला ने इससे पहले खाद्य-रेलवे-वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात की थी.
चौटाला पर किसान आंदोलन को लेकर दबाव
इन तीनों नेताओं से सिलसिलेवार बात करने के बाद से हरियाणा से दिल्ली तक के सियासी बाजार में अटकलों का बाजार गर्म हो गया था. अटकलें इसलिए, क्योंकि किसान परिवार की राजनीति की पृष्ठभूमि होने के कारण दुष्यंत चौटाला पर किसान आंदोलन को लेकर लगातार दबाव बन रहा था.
हालांकि चौटाला इसे लगातार मैनेज किए हुए थे. दरअसल बिल पास होने के बाद जब कानून बना तो उस समय हरसिमरत कौर बादल ने इसे किसान विरोधी बता कर इस्तीफा दे दिया था. उस समय भी चौटाला पर दबाव था.
सितंबर में कही थी पद छोड़ने की बाद
20 सितंबर को दोनों बिल पारित होने के बाद हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने कहा था कि यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई खतरा मंडराया तो वे अपना पद छोड़ देंगे. डिप्टी सीएम ने कहा, 'संसद द्वारा पारित किसानों को लेकर बिलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली को समाप्त करने का कोई उल्लेख नहीं है. अगर MSP सिस्टम पर कोई भी खतरा मंडराया तो मैं उसी दिन अपना पद छोड़ दूंगा.
There is no mention of ending minimum support price (MSP) system in the #AgricultureBills passed by Parliament. I will quit my post the day any danger to the MSP system is posed: Haryana Deputy Chief Minister Dushyant Chautala (file photo) pic.twitter.com/iUnP01nVwn
— ANI (@ANI) September 20, 2020
अभी हरियाणा सरकार पर खतरा नहीं
दुष्यंत चौटाला के बड़े मंत्रियों से चल रहे मुलाकातों के इन्हीं सिलसिलों को लेकर सियासत में हलचल मच गई थी. उनका 20 सितंबर का बयान एक बार फिर सामने आने लगा और कहा जाने लगा कि हरियाणा सरकार का आसन डोल रहा है. क्या चौटाला पद छोड़ सकते हैं? ऐसे सवाल अंदर ही अंदर तैरने लगे. हालांकि चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार फिलहाल स्थिर है और उनकी पार्टी का MSP के मुद्दे पर ठोस रुख है.
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