आपातकाल पर अमित शाह: 'सत्ता के लालची लोगों ने 45 साल पहले देश बनाया था जेल'

देश में 25 जून 1975 को आज ही के दिन लोकतंत्र का गला घोंटने वाली ऐसी वारदात गांधी परिवार के नेतृत्व में कांग्रेस के द्वारा की गई थी जो भारत के लोकतंत्र का काला अध्याय आज भी मानी जाती है. आज देश में आपातकाल लगाकर सत्ता बरकरार रखने वाली अलोकतांत्रिक घटना को 45 साल पूरे हो गए हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 25, 2020, 12:15 PM IST
    • गरीबों पर अत्याचार करने के लिए लगाया था आपातकाल- अमित शाह
    • कांग्रेस में अब भी लोकतंत्र नहीं
    • सत्ता के लालची परिवार ने लगाया था आपातकाल- शाह
आपातकाल पर अमित शाह: 'सत्ता के लालची लोगों ने 45 साल पहले देश बनाया था जेल'

नई दिल्ली: गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर करारा वार किया है. आपातकाल लगाए जाने के 45 साल पूरे होने पर गृहमंत्री ने कांग्रेस की अलोकतांत्रिक मानसिकता को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा है कि देश में सत्ता को बरकरार रखने लिये लालची परिवार ने संविधान को नष्ट करके रातों रात पूरे भारत को जेल बना दिया था.

गरीबों पर अत्याचार करने के लिए लगाया था आपातकाल- अमित शाह

कांग्रेस आज हर बात में यही कहती है कि देश का लोकतंत्र मोदी सरकार के राज में खतरे में पड़ गया है. कांग्रेस के ज्यादातर नेता यही कहते सुने जाते हैं लोकतंत्र की हत्या हो रही है लेकिन सच्चाई ये है कि इस देश की आत्मा को झकझोर देने वाला भीषण अत्याचार इसी कांग्रेस के राज में हुआ था जब न्यायालय के फैसले को रौंदकर अपनी तुच्छ मानसिकता के चलते आपातकाल की आग में देश को झोंक दिया गया था.

आपातकाल को याद करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट में कहा कि 45 साल पहले इस दिन सत्ता की लालच में एक परिवार ने देश में आपातकाल लागू कर दिया. रातों रात राष्ट्र को जेल में बदल दिया गया. प्रेस, अदालतें, मुक्त भाषण . सब खत्म हो गए. गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए.

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कांग्रेस में अब भी लोकतंत्र नहीं

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अब भी कांग्रेस पार्टी के भीतर लोकतंत्र नहीं है. वहां एक ही परिवार की आरती उतारी जाती है. उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक का जिक्र करते हुए लिखा है कि बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने कुछ मुद्दों को उठाया, लेकिन उन पर चिल्ला गया और उनकी आवाज को दबा दिया गया. पार्टी के एक प्रवक्ता को बिना सोचे समझे बर्खास्त कर दिया गया. दुखद सच्चाई यह है कि कांग्रेस में नेता घुटन महसूस कर रहे हैं.

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