नई दिल्ली: कहावत है दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है. तो क्या पाकिस्तान के बाद भारत से दुश्मनी निभाने वाले चीन को भी कुछ लोगों ने अपना दोस्त बना लिया है? सीमा विवाद पर पूरा देश चीन के खिलाफ़ और भारत के साथ है. दरअसल, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला का चीन को लेकर प्यार उमड़ आया है. पाकिस्तान की पैरवी तो फ़ारुक करते ही रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने 370 हटाने के लिये चीन से मदद की गुहार लगा दी है.
पाकिस्तान-चीन के एजेंट अब्दुल्ला?
ये कोई पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस तरह का बयान दिया हो इससे पहले उन्होंने कहा था कि कश्मीरी चाहते हैं कि वो चीन में मिल जाएं. वो कह चुके हैं पीओके किसी के बाप का नहीं है. वो कह चुके हैं लाल चौक पर तिरंगा फहरा कर दिखाओ, लेकिन पाकिस्तान के बाद चीन भक्ति की वजह क्या है? और चीन की मदद से 370 अब्दुल्ला कैसे बहाल करेंगे?
11 अक्टूबर 2020: चीन की मदद से फिर लागू कराएंगे धारा 370
अगस्त 2019: 370 हटाना कश्मीर की पहचान पर आघात
15 नवंबर 2017: पाकिस्तान से PoK नहीं ले सकते, पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं
7 अगस्त 2017: आर्टिकल 35A हटाया तो बगावत हो जाएगी
25 फरवरी 2017: नई पीढ़ी के आतंकी आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे हैं
5 दिसंबर 2016: अलगाववादी अलग-अलग रास्तों पर ना चलें, एकजुट हों
25 नवंबर 2016: PoK किसी के बाप का नहीं है, भारत की हिम्मत नहीं कि वो PoK ले सके
28 नवंबर 2015: पूरी भारतीय सेना हमें आतंकियों से नहीं बचा सकती
आपको बताते हैं कि सत्ता में रहने पर और सत्ता से बाहर होने पर फारूक अब्दुल्ला की जुबान कैसे बदल गई.
चीन-पाकिस्तान के एजेंट अब्दुल्ला?
फारूक अब्दुल्ला जब सत्ता में थे तब कहते थे कि कश्मीर भारत का अंग है, लेकिन सत्ता से बाहर होने पर वो कहते हैं कि चीन की मदद से 370 लागू कराएंगे.
फारूक अब्दुल्ला जब सत्ता में थे तब कहते थे कि कश्मीरी भारत से अलग नहीं होना चाहता, लेकिन सत्ता से बाहर होने पर वो कहते हैं कि PoK पाकिस्तान का हिस्सा है.
फारूक अब्दुल्ला जब सत्ता में थे तब कहते थे कि हिंसा के लिए अलगाववादी ज़िम्मेदार हैं. आप एक रहो, लेकिन सत्ता से बाहर होने पर वो कहते हैं कि मैं अलगाववादियों के साथ हूं.
फारूक अब्दुल्ला जब सत्ता में थे तब कश्मीरियों को महाचोर कहा, लेकिन सत्ता से बाहर होने पर वो कहते हैं कि कश्मीर के लोग स्वायत्ता चाहते हैं.
फारूक अब्दुल्ला जब सत्ता में थे तब कहते थे किकश्मीरियत का मतलब सद्भाव और शांति, लेकिन सत्ता से बाहर होने पर वो कहते हैं कि कश्मीर के पत्थरबाज़ देश के लिए लड़ रहे हैं.
अब्दुल्ला पर BJP का करारा प्रहार
फारूक अब्दुल्ला के अनुच्छेद 370 वाले बयान को बीजेपी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा कि वो चीन के हीरो बन रहे हैं. नेशनल कांफ्रेंस नेता ने कहा था- चीन की मदद से जम्मू-कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 लागू कराएंगे.
चीन, टर्की के बन रहे हैं हीरो
फारूक अब्दुल्ला के अनुच्छेद 370 वाले बयान पर BJP ने हमला करते हुए फारूक को भारत से नफरत करने वाला बताया है. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि "फारूक अब्दुल्ला का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. चीन की मानसिकता को फारूक सही ठहरा रहे हैं, फारूक अब्दुल्ला का बयान देश विरोधी है. फारूक अब्दुल्ला चीन और टर्की में हीरो बन रहे हैं. ये भारत से नफरत करने वाले लोग हैं."
संबित पात्रा ने कहा कि "फारूक अब्दुल्ला कोई साधारण राजनेता नहीं है. वह एक पूर्व मुख्यमंत्री है. अगर वह एक साक्षात्कार में ऐसा कहते हैं कि 370 को चीन की सहायता से उसको वापस लाया जाएगा. तो स्वाभिक है यह चिंतनीय और दुखद है."
फारूक अब्दुल्ला पर विवाद क्यों?
- फारूक अब्दुल्ला ने एक न्यूज़ मैग्ज़ीन को दिया इंटरव्यू
- जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर विवादास्पद बयान
- अनुच्छेद 370 की वापसी पर चीन से मदद की उम्मीद
- फारूक ने कहा 'चीन की मदद से 370 की बहाली संभव'
- 'जिनपिंग बोले थे कि 370 हटाना चीन को मंज़ूर नहीं है'
- 'अल्लाह करे चीन के ज़ोर से 370 और 35A बहाल हो'
370 पर फारूक का 'देशद्रोही' बयान
एलएसी पर इन दिनों हालात बहुत तनावपूर्ण है. चीन कई बार घुसपैठ की कोशिश कर चुका है जिससे खूनी झड़प भी हुई है, लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इन दिनों जैसे हालात हैं. उनके लिए ज़िम्मेदार चीन अभी हर देशवासी को दुश्मन दिखाई दे रहा है. हर कोई चीन से बदले की बात कह रहा है लेकिन ऐसे समय में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक़ अब्दुल्ला को चीन में अपना दोस्त नजर आ रहा है. उन्हें लगता है कि वे चीन के मदद से वो कश्मीर में एक बार फिर अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 A को लागू करा लेंगे. सीमा पर तनाव के पीछे की वजह 370 हटाने को बताया और कहा कि चीन ने कभी भी अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले का समर्थन नहीं किया है और हमें उम्मीद है कि इसे फिर से चीन की ही मदद से बहाल कराया जा सकेगा.
फारूक अब्दुल्ला की 'भारत विरोधी सोच'?
फारूक अब्दुल्ला PoK पर पाकिस्तान का समर्थन करते हैं, धारा 370 की बहाली के लिए चीन से मदद लेने की बात करते हैं. उन्होंने भारतीय सेना पर सवाल खड़े किए. अलगाववादियों का हमेशा समर्थन किया और पत्थरबाजी को सही ठहराया. कश्मीरी आतंकवाद को आजादी की लड़ाई से जोड़ा और एयर स्ट्राइक का मजाक उड़ाया. ऐसे में सवाल खड़े होने लाजमी हैं.
सवाल नंबर 1). चीन की दीवानगी में अब्दुल्ला देश भूले?
सवाल नंबर 2). नेशनल कांफ्रेंस या 'एंटी'नेशनल कांफ्रेंस?
सवाल नंबर 3). 370 वापस लाने की अंतरराष्ट्रीय साज़िश?
सवाल नंबर 4). 370 विरोधियों को चीन-पाकिस्तान की शह?
सवाल नंबर 5). 'चीन'धुन गाने वाला भारत का नेता कैसे?
ये सवाल इसलिए क्योंकि एक इंटरव्यू में फारूक ने कहा कि 370 पर चीन ज़ोर लगा दे तो उनका काम बन जाए. ये वही फारूक अब्दुल्ला हैं जो कहते रहे हैं कि पीओके किसी के बाप का नहीं है. ये वहीं फारूक अब्दुल्लाहैं जो चैलेंज देते हैं कि लालचौक पर कोई तिरंगा फहरा कर तो दिखाए. तो क्या फारूक अब्दुल्ला अब 370 की बहाली के लिए चीन को न्योता दे रहे हैं?
देश और दुनिया की हर एक खबर अलग नजरिए के साथ और लाइव टीवी होगा आपकी मुट्ठी में. डाउनलोड करिए ज़ी हिंदुस्तान ऐप, जो आपको हर हलचल से खबरदार रखेगा... नीचे के लिंक्स पर क्लिक करके डाउनलोड करें-
Android Link - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.zeenews.hindustan&hl=en_IN
iOS (Apple) Link - https://apps.apple.com/mm/app/zee-hindustan/id1527717234