कर्नाटक में बीजेपी को कैसे जीत दिलाएंगे अमित शाह? समझिए कितना अलग है इस बार का चुनाव

मास्टर रणनीतिकार के रूप में पहचान रखने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए कर्नाटक को अपना दूसरा घर बना लिया है.चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में उनके अनूठे प्रयासों और बेजोड़ मेहनत के कारण भाजपा कार्यकर्ता आज पूरे विश्वास के साथ

मास्टर रणनीतिकार के रूप में पहचान रखने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए कर्नाटक को अपना दूसरा घर बना लिया है.चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में उनके अनूठे प्रयासों और बेजोड़ मेहनत के कारण भाजपा कार्यकर्ता आज पूरे विश्वास के साथ दावा कर रहे हैं कि वे कर्नाटक में फिर से सत्ता में आएंगे.

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मास्टर रणनीतिकार के रूप में पहचान रखने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जद (एस) और कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले दक्षिण कर्नाटक में पैठ बनाने का काम किया. इस क्षेत्र में भाजपा की उपस्थिति या संगठन नहीं था. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि भाजपा विधानसभा चुनावों में कभी भी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई, अमित शाह ने पैठ बनाने का प्रयास किया. 

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरों और कार्यक्रमों के साथ उनकी यात्राओं, बैठकों और कार्यक्रमों की श्रृंखला के साथ, भाजपा दावा कर रही है कि वह इस क्षेत्र में अच्छी संख्या में सीटें जीतेगी. पार्टी सूत्रों ने बताया कि अमित शाह रोजाना बिना आराम किए लगातार 10 से 15 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. यह बंद दरवाजे की बैठकों के अलावा है.

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टिकट ना मिलने के कारण दिग्गज भाजपा नेताओं ने विद्रोह का झंडा बुलंद किया और कुछ ने लिंगायत वोट बैंक को तोड़ने की धमकी देते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया. स्थिति को भांपते हुए शाह खुद हुबली में डेरा डाले रहे और असंतोष को शांत करने की रणनीति बनाई. शाह हुबली-धारवाड़ मध्य सीट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. जहां से पूर्व भाजपा मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा था.

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शाह ने जगदीश शेट्टर को उनके घरेलू मैदान पर हराने का आह्वान किया. स्थानीय लोगों ने कहा कि नतीजों के दिन कुछ भी हो सकता है. छह बार के विधायक शेट्टर नए चेहरे महेश तेंगिनाकयी के रूप में एक मजबूत उम्मीदवार का सामना कर रहे हैं.

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भाजपा के दुबारा जीतने पर कांग्रेस का कहना है कि उत्तर प्रदेश मॉडल अलग है. कोई पूरे दक्षिण भारत की स्थिति पर विचार कर सकता है. जहां भी लोग सोचते-समझते हैं, वहां भाजपा सफल नहीं है. पश्चिम बंगाल में भाजपा ने पूरी कोशिश की. पर वहा क्या हुआ यह सबको पता है. इसी तरह कर्नाटक में भी भाजपा को कोई सीट नहीं मिलेगी. पिछले लोकसभा चुनाव में स्थिति अलग थी. वर्तमान स्थिति अलग है. कांग्रेस को राज्य में आसानी से बहुमत मिलेगा.