Sawan 2024: हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दौरान शिवजी की सच्चे मन से पूरा करने से इंसान की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ऐसे में आइए सावन के मौके पर जानते हैं कि शिवजी को तुलसी की पत्तियां क्यों नहीं चढ़ाई जाती हैं.
Sawan 2024: हिंदू धर्म शास्त्रों की मानें, तो शिवजी ने तुलसी के पति जालंधर का युद्ध में वध कर दिया था. इसी वजह से शिवजी को तुलसी की पत्तियां नहीं चढ़ाई जाती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं देवों के देव महादेव ने तुलसी के पति का वध क्यों किया था.
पौराणिक कथाओं की मानें, तो तुलसी का पति जालंधर बहुत अत्याचारी था. उसने युद्ध के लिए भगवान विष्णु तक को ललकार दिया था. वहीं, तुलसी ने भगवान विष्णु से ये वरदान ले रखा था कि जब तक वे भगवान विष्णु की पूजा में लीन रहेंगी उनके पति का कोई वध नहीं कर पाएगा.
जालंधर जब भी युद्ध करने जाता था, देवी तुलसी विष्णु भगवान के पूजा में लीन हो जाती थीं. इसे देख एक बार भगवान शंकर विष्णु जी से मिलने गए और उनसे कहां कि जब मैं जालंधर से युद्ध करने जाऊं आप तुलसी के सामने जालंधर का रूप धारण कर हाजिर हो जाइएगा.
हुआ भी कुछ ऐसा ही भगवान शंकर जब जालंधर से युद्ध करने के लिए गए तो विष्णु भगवान तुलसी के सामने जालंधर का रूप धारण कर हाजिर हो गए. इससे तुलसी युद्ध के दौरान विष्णु जी की पूजा में लीन नहीं पाईं. अंततः जालंधर की युद्ध में मौत हो गई.
जालंधर का कटा हुआ शव तुलसी के गोद में आकर गिरा और उसने बताया कि तुम्हारे साथ छल हुआ है. तुम्हारे सामने खड़ा इंसान मैं नहीं हूं, यह वही है जिसकी तुम रोजाना पूजा करती हो. ये बात सुन तुलसी ने भगवान विष्णु को पत्थर बन जाने का श्राप दे दिया.
भगवान विष्णु के पत्थर के बनते ही सृष्टि में हाहाकार मच गया. इसे देख मां लक्ष्मी तुलसी के पास पहुंची और उनसे श्राप वापस लेने के लिए कहा. तुलसी ने अपना श्राप तो ले लिया लेकिन फिर भी भगवान विष्णु ने अपना एक रूप पत्थर में समाहित कर लिया. इसे ही शालिग्राम के नाम से जाना जाता है. इसी वध की वजह से शिवजी के ऊपर तुलसी की पत्तियां नहीं चढ़ाई जाती हैं.