Pitru Paksha 2024: श्राद्ध के दौरान क्यों नहीं खा सकते नॉनवेज? इस कारण से माना जाता है अशुभ

Pitru Paksha 2024: कई हिंदू धार्मिक शास्त्रों में श्राद्ध के दौरान लहसुन-प्याज का सेवन भी वर्जित माना गया है. माना जाता है कि लहसुन-प्याज तामसिक प्रकृति के हैं, जिनका सेवन करने से व्यक्ति की इंद्रियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

 

नई दिल्ली: Pitru Paksha 2024: हिंदुओं में पितृ पक्ष यानी श्राद्ध का विशेष महत्व माना जाता है. भाद्रपद महीने में आने वाले श्राद्ध की अवधि 16 दिनों की होती है. इस दौरान हिंदू धर्म के लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं और अपने मृतक पूर्वजों के लिए पूजा का आयोजन कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं. इसके साथ ही ब्राह्मणों और पंडितों को भोजन और कपड़े का दान दिया जाता है. इस साल पितृ पक्ष 17 सितंबर 2024 से 2 अक्टूबर 2024 तक चलेगा. 

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गरुड़ पुराण, अग्नि पुराण और वायु पुराण जसे शास्त्रों में श्राद्ध से जुड़ी जानकारी के बारे में बताया गया है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक हमारी 3 पूर्ववती पीढ़ियां पितृ लोक में निवास करती हैं. इसे स्वर्ग और जमीन के बीच का क्षेत्र माना जाता है, जिसपर मृत्यु के देवता यम का अधिकार होता है. 

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माना जाता है कि अगली पीढ़ी में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर पहली पीढ़ी उनका श्राद्ध करती है और उन्हें भगवान के करीब ले जाती है. सिर्फ आखिर के 3 पीढ़ियों के पास ही श्राद्ध करने का अधिकार होता है. यह भी माना जाता है कि श्राद्ध की प्रक्रिया सही से न होने पर पूर्वज नाराज भी हो सकते हैं. इसके चलते वे अगली पीढ़ी को श्राप भी दे सकते हैं, जिससे पितृदोष लग सकता है.  

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पितृ पक्ष की इस अवधि के दौरान हिंदू धर्म के लोग सिर्फ शाकाहारी भोजन ही खाते हैं. पितृ पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन दान किया जाता है. कई लोग महादान भी करते हैं, जिसमें उन्हें दक्षिणा, कपड़े, मिठाई और फलों का दान दिया जाता है. माना जाता है कि ब्राह्मणों को दिया गया दान पूर्वजों तक पहुंचता है.  

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श्राद्ध की इस अवधि में मांस, मछली, अंडा और शराब जैसी चीजों का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए. इन चीजों को अशुभ माना जाता है. पूर्वजों को मृत्युचक्र से मुक्ति दिलाने के लिए किये जा रहे इस अनुष्ठान के बीच में किसी भी तरह की बाधा न आए इसलिए इन चीजों का सेवन नहीं किया जाता है.  इन रीति रिवाजों को सही से फॉलो न करने पर पितृदोष का सामना करना पड़ सकता है.   

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कई हिंदू धार्मिक शास्त्रों में श्राद्ध के दौरान लहसुन-प्याज का सेवन भी वर्जित माना गया है. माना जाता है कि लहसुन-प्याज तामसिक प्रकृति के हैं, जिनका सेवन करने से व्यक्ति की इंद्रियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में इस दौरान लहसुन-प्याज के बिना भोजन पकाने और खाने की सलाह दी जाती है.

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Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.