अनुष्का (Anoushka Shankar) जब 15 साल की थीं तब उन्होंने अपने पिता के साथ ‘चैंट्स ऑफ इंडिया’ अल्बम में काम किया. इस अल्बम को जॉर्ज हैरिसन ने प्रोड्यूस किया था. 17 साल की उम्र में अनुष्का (Anoushka Shankar) का पहला अल्बम आ गया.
27 फरवरी 1995. बसंत के इस सुहाने रोज खंडहर में तब्दील हो चुका सिरी का किला भी जीता-जागता सा लग रहा था. हर रोज जो दिल्ली वाले इसके इर्द-गिर्द से यूं ही बेखबर निकल जाते थे वह भी आज इधर से निकलते तो गर्दन उचका कर देख लेते थे कि यहां क्या हो रहा है. इस नजारे की वजह किले में अंदर की ओर थी. बीचों-बीच सजे मंच पर एक तेरह साल की लड़की ने बड़े ही सधे हाथों में सितार थाम रखा था. जैसे-जैसे उंगलियां तारों पर फिरती जातीं, संगीत के सुर कान तक का सफर नाचते हुए तय करते. यह लड़की कोई और नहीं अनुष्का शंकर (Anoushka Shankar) ही थीं. यह उनका ही कमाल था कि जिस सिरी के किले की दीवारों की दरार से सिर्फ परिंदों की डराते परवाजों से भरी थीं, वहां राग भूपाली, यमन, मालकौश, माधवी और राग बसंत एक-एक कर गूंज रहे थे.
9 जून 1981 को जन्मीं (Anoushka Shankar Birth Day) आज उम्र के 40 पड़ाव पार कर चुकीं अनुष्का (Anoushka Shankar) के बारे में यह बताने की जरूरत बिल्कुल नहीं है कि वह पं. रविशंकर (Pandit Ravishankar) की प्यारी छोटी सुपुत्री हैं. उनके बारे में एक किस्सा है. कहते हैं कि उम्र के चौथेपन में (बुजुर्ग अवस्था) में किसी ने उनसे पूछ लिया कि आप खुद को तब से अब तक और आगे भी कहां देखते हैं? पंडित जी मुस्कुराए फिर एक हाथ से सितार को प्रणाम कर दूसरा हाथ पास बैठीं अनुष्का (Anoushka Shankar) के सिर पर फेरते हुए बोले- मेरी जिंदगी, जो है यही है. यह एक तरह से पंडित जी का इशारा था कि अनुष्का (Anoushka Shankar) आने वाले दिनों में उनकी विरासत संभालेंगीं. अनुष्का (Anoushka Shankar) इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा भी रही हैं. उन्हें पंडित जी का विस्तार ही कहते हैं.
किसी की जिंदगी की बात हो तो उम्र की गलियों का सिरा बचपन की खुली जगह में जाकर खुलता है. अनुष्का (Anoushka Shankar) जब इस मैदान में पहुंचती हैं तो जिंदगी का यह हिस्सा आम बच्चों जैसा नहीं था. फिर भी अनुष्का (Anoushka Shankar) के लिए यह Best था. लंदन, कैलीफोर्निया और दिल्ली के बीच बीतता उनका बचपन कभी मां के आंचल के साथ रहा तो कभी पिता की उंगली थाम कर चला. दरअसल मां सुकन्या शंकर और पिता रवि की शादी तब हुई जब खुद अनुष्का (Anoushka Shankar) 9 साल की हो गईं. एक बातचीत में वह कहती हैं कि मां-पिता के बीच बहुत ही गहरा रिश्ता था. दोनों दोस्तों की तरह हंसते-खिलखिलाते, प्यार लुटाते दिखते. अनुष्का (Anoushka Shankar) प्रार्थना करती थीं कि दोनों शादी कर लें.
अनुष्का (Anoushka Shankar) को भारतीय शास्त्रीय संगीत और पश्चिमी संगीत के फ्यूजन में महारत हासिल है. इसे प्रसिद्धि दिलाने में एक तरह से उनका बड़ा योगदान है. 2003 में वो नोरा जोंस के साथ पहली बार ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुईं. उस वक्त वो उस कैटेगेरी में नॉमिनेट होने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की कलाकार थीं. नोरा जोंस उनकी सौतेली बहन हैं. नोरा की मां सू जोंस खुद भी उम्दा कलाकार रही हैं. इस परिवार में कभी सगा-सौतेला जैसा नहीं रहा. उनका यही आपसी प्यार जब एक हुआ तो फ्यूजन बनकर सामने आया. जिसमें भारतीयता थी, संस्कृति का आधार था और पश्चिम वाला आजाद ख्याल भी.
अनुष्का (Anoushka Shankar) जब 15 साल की थीं तब उन्होंने अपने पिता के साथ ‘चैंट्स ऑफ इंडिया’ अल्बम में काम किया. इस अल्बम को जॉर्ज हैरिसन ने प्रोड्यूस किया था. 17 साल की उम्र में अनुष्का (Anoushka Shankar) का पहला अल्बम आ गया. यानी अभी अनुष्का (Anoushka Shankar) की स्कूली पढ़ाई भी खत्म नहीं हुई थी जब उनके पास अपना खुद का एल्बम था. उनके नाम कई अवॉर्ड हैं. ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स शील्ड, 1998, भारत में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2003 पर वूमन ऑफ द ईयर सम्मान, 6 बार ग्रैमी अवॉर्ड में नामांकन, 2017 में भारतीय शास्त्रीय और प्रगतिशील विश्व संगीत में उपलब्धियों के लिए ईस्टर्न आई आर्ट्स, कल्चर एंड थिएटर अवार्ड्स (ACTA) अवार्ड मिला. अनुष्का के नाम पर आकाश में एक तारा भी चमक रहा है. उनके नाम पर एक तारे का नाम अनुशंकर रखा गया है.
अनुष्का (Anoushka Shankar) आज महिलाओं की उन्नति का प्रतीक हैं, लेकिन एक दौर था कि उन्हें भी वह सब सहना पड़ा था, जो एक आम लड़की अक्सर झेल लेती है, लेकिन कह नहीं पातीं. साल 2013 में उन्होंने खुलासा कर सबको चौंका दिय़ा था कि वह भी यौन शोषण की शिकार हो चुकी हैं. जब वह बहुत छोटी थीं तो एक विश्वसनीय परिचित ने उनके साथ यह सुलूक किया था. साल 2019 में अनुष्का (Anoushka Shankar) गर्भाशय के ट्यूमर से जूझ रही थीं. 13 ट्यूमर होने के बाद उन्हें अपना गर्भाशय निकलवाना पड़ा. जीवन के कई सुखद धूप-छांव के बीच दुख की यह दो बदलियां भी जिंदगी का हिस्सा है. अगली बार जब कभी अनुष्का (Anoushka Shankar) का सितार सुनने को मिले तो उसमें सिर्फ आनंद नहीं, दर्द भी खोजिएगा. वह दर्द जो हर लड़की पर कभी न कभी बीत जाता है.