अघोरी के बारे में कहा जाता है कि वह भगवान शिव के साधक होते हैं. अघोरी का जीवन आम इंसान से बेहद अलग होता है. अघोरी को जीवन से ना तो मोह होता है और न ही मृत्यु का डर होता है. आइए जानते हैं अघोरी के बारे में कुछ रहस्य.
शिवजी की उपासना अघोरी भगवान शिव की उपासना करते हैं. इसके अलावा बाबा भैरवनाथ को भी अघोरी आपना आराध्य मानते हैं. अघोरियों का जीवन बिल्कुल अलग होता है.
शमशान में वास अघोरी वह बन सकता है जो सांसारिक मोह-माया से ऊपर उठ चुका है. एक आम इंसान शमशान से दूर रता है वहीं अघोरी शमशान में वास करते हैं. अघोरी शमशान में साधना करते हैं. माना गया है कि शमशान में साधना करने से फल शीघ्र मिलता है.
साधना एक अघोरी शव के ऊपर पैर रखकर साधना करता है, तो वह शिव और शव की साधना कहलाती है. इस साधर में मदिरा चढ़ाई जाती है. अघोरी एक पैर पर खड़े होकर महादेव की साधना करते हैं. शमशान में बैठकर हवन करते हैं.
हैरान करने वाली बात अघोरी अपने पास नरमुंड यानी इंसानी खोपड़ी रखते हैं, नरमुंड को कापालिका कहा जाता है. इसका यूज वह भोजन के पात्र की तरह करते हैं. अघोरी के बारे में कहा जाता है कि वह कच्चे मांस का सेवन करते हैं.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.