INS Arighat : भारतीय नौसेना के लिए 29 अगस्त बेहद अहम है. इस दिन नौसेना के बेड़े में दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी आईएनएस अरिघात (INS Arighat) शामिल होने जा रही है. इसके शामिल होने से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की ताकत और बढ़ने वाली है.
INS Arighat Submarine : भारतीय नेवी में दुश्मनों का एक और काल आने वाला है. परमाणु बम से 750 किलोमीटर दूर तक तबाही मचाने वाला आईएनएस अरिहंत का यार अरिघात आज समंदर में उतरने जा रहा है.
समुद्र में भारतीय नौसेना की ताकत अब और बढ़ने वाली है. नौसेना के बेड़े में दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी आईएनएस अरिघात (INS Arighat) आज (29 अगस्त) शामिल होने जा रही है. आईएएनएस अरिघात के-15 मिसाइल से लैस होगा, जो काफी खतरनाक है.
इसके शामिल होने से समंदर में ही न केवल भारत की ताकत बढ़ेगी बल्कि समंदर में घात लगाकर दुश्मनों को खोज-खोज कर साफाया करेगी. साथ ही यह मिसाइल 3 हजार किलोमीटर की दूरी तक वार करने की क्षमता रखती है.
इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह परमाणु ऊर्जा से चलती है और यह महीनों तक पानी में डूबी रह सकती है. साथ ही यह पनडुब्बी दुश्मनों को पता लगे बिना ही हमला करने में सक्षम है. दुश्मन की नजर से भी बचा जा सके और दुश्मन पर अचानक हमला करने में सक्षम है.
आईएनएस अरिघात पानी की सतह पर 12-15 समुद्री मील यानी 22 से 28 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा रफ्तार से चल सकती है. साथ ही समुद्र की गहराई में 24 समुद्री मील यानी 44 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती है.
साथ ही आपको बता दें, कि पनडुब्बी में आठ लॉन्च ट्यूब होंगे. आईएनएस अरिघात (INS Arighat) की लंबाई 111.6 मीटर, चौड़ाई 11 मीटर और ऊंचाई 9.5 मीटर है. पनडुब्बी का वजन 6 हजार टन है.