Alien Ship: क्या अंतरिक्ष में कूड़ा फैलाने से चिंतित हैं एलियन?

विज्ञान के अनियंत्रित प्रयोग से धरती की तरह अंतरिक्ष में भी प्रदूषण (Space Pollution) फैल रहा है. जिसने शायद मानवेतर प्राणियों (Aliens) को भी चिंता में डाल दिया है. क्योंकि अंतरिक्ष में मनुष्य के सबसे बड़े केन्द्र ISS के पास कथित एलियन शिप देखे जाने की घटनाएं बढ़ गई हैं. 

Written by - Anshuman Anand | Last Updated : Nov 17, 2020, 09:08 PM IST
  • मानव निर्मित अंतरिक्ष स्टेशन के पास लगातार दिख रहे हैं एलियन
  • अंतरिक्ष में इंसानों ने फैलाया ख़तरनाक कूड़ा
  • क्या एलियन हैं इससे चिंतित?
Alien Ship: क्या अंतरिक्ष में कूड़ा फैलाने से चिंतित हैं एलियन?

नई दिल्ली:  कथित परग्रही प्राणियों के यान (Alien Ship) अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International Space center) के पास फिर से देखे जाने की खबर है. इस बार रहस्यमय एलियन शिप रूसी कैप्सूल 'सोयूज़ एमएस-17' ( Soyuz MS-17) के नजदीक देखा गया.


रूस के कैमरे में रिकॉर्ड हुआ वीडियो    
रूस के 'सोयूज़ एमएस-17' कैप्सूल के कैमरे में एक अनजाना यान दर्ज किया गया. यह बेहद रहस्यमय था. जिसके आगे बड़ी लाइट थी, जिसमें से रोशनी निकल रही थी. वहीं पीछे चार से पांच रोशनियों की कतार थी. दूर से यह छह डिब्बों वाले यान की तरह दिखाई दे रहा है. जिस समय 'सोयूज़ एमएस-17' के कैमरों ने इस कथित एलियन शिप का वीडियो रिकॉर्ड किया, उस समय यह कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर उतर रहा था. 


इस कथित एलियन शिप का वीडियो अक्टूबर में रिकॉर्ड किया गया था. जिसे मैक्सिको के एक यूट्यूब चैनल ने 14 नवंबर को रिलीज किया. यह वीडियो आप नीचे देख सकते हैं- 

क्या है इंटरनेशल स्पेस सेंटर (ISS)
अन्तरराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन (International Space Station) बाहरी अन्तरिक्ष में शोध के लिए मनुष्य द्वारा बनाया गया स्थान है. इसको पृथ्वी की निकटवर्ती कक्षा में स्थापित किया है. इसका निर्माण 1998 में शुरु हुआ था. इसे बनने में 14 साल का समय लगा. 

ISS विश्व की कई स्पेस एजेंसियों का संयुक्त प्रयास है. जिसमें अमेरिका की नासा (NASA) के साथ रूस की रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (RKA), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA), कनाडा की कनेडियन स्पेस एजेंसी (CAA) और यूरोपीय देशों की संयुक्त यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ESA) का योगदान है. 

ISS पृथ्वी से करीब 350 किलोमीटर ऊपर 27.74 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हमारी परिक्रमा करता है. इसमें तीन से चार लोगों के लिए स्थान है. यह अंतरिक्ष में स्थित एक वेधशाला के तौर पर कार्यरत है. इसमें रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष के माहौल में रहकर काम करने का मौका मिलता है. 

ISS के पास पहले भी देखे गए थे रहस्यमय यान
अन्तरराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन (International Space Station) के पास एलियन देखे जाने की घटना पहले भी हो चुकी है. इसी साल मई के आखिरी सप्ताह में एलियन शिप जैसी एक्टिविटी नासा के कैमरों में रिकॉर्ड हुई थी.  

30 May 2020 को नासा के ISS(इंटरनेशनल स्पेस सेन्टर) से स्पेस-एक्स रॉकेट की लांचिंग चल रही थी. इस दौरान लगातार लाइव स्ट्रीमिंग जारी थी. इस बीच अचानक रहस्यमय रोशनी सी चमकी जो धरती की कक्षा से बाहर अंतरिक्ष में जाती हुई दिखी. चमकती हुई रोशनी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन(ISS)के नीचे से होकर निकल गई और गहरे अंतरिक्ष में गुम हो गई. इस घटना का वीडियो नीचे है. 

अंतरिक्ष में मानवीय गतिविधियां लगातार बढ़ने के कारण वहां कूड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. खास तौर पर ISS के निर्माण और वहां गतिविधियां चलने के कारण कई तरह का कूड़ा अंतरिक्ष में लगातार फैल रहा है.

क्या ISS के पास लगातार बढ़ रही एलियन गतिविधियों का कारण यही कूड़ा (Space Pollution) हो सकता है? 

अंतरिक्ष में बढ़ रहा है मानवीय कूड़ा
4 अक्टूबर 1957 को दुनिया का पहला स्पूतनिक नाम का कृत्रिम उपग्रह सोवियत संघ ने छोड़ा था. इसके बाद से अंतरिक्ष में मनुष्य की गतिविधियां बढ़ती चली गईं.  वैज्ञानिकों के अनुसार, अंतरिक्ष से निकलने वाले कंट्रोल स्टेशन, रॉकेट पार्ट्स, मृत उपग्रह, खोए हुए अंतरिक्ष यात्री के उपकरण ही अंतरिक्ष में 95 प्रतिशत कूड़ा फैलाते हैं. अंतरिक्ष का कूड़ा सैकड़ों वर्षों तक बरकरार रहता है. 

- स्पेस-ट्रैक के आंकड़ों के अनुसार, रूस और चीन के बाद अमेरिका सबसे अधिक कचरे के लिए जिम्मेदार है.

- अमेरिका के अपोलो 11 मिशन के दौरान जब चांद पर नील आर्मस्ट्रॉग और बज़ एल्ड्रिन ने 100 से ज्यादा चीजें चांद पर छोड़ी थीं. 

- अंतरिक्ष में मनुष्य द्वारा लगभग 2.5 लाख किलोग्राम कचरा फैलाया गया है. जिसमें भारी धातु मशीनरी, कार्बन फाइबर और दुर्घटनाग्रस्त ऑर्बिटर्स शामिल हैं. 

- चांद पर 190 टन मनुष्य-निर्मित कचरा बिखरा पड़ा है.

बेहद खतरनाक है अंतरिक्ष का कूड़ा
यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के मुताबिक अंतरिक्ष का कचरा भारी नुकसानदेह साबित हो सकता है. इसे अगर पृथ्वी की कक्षा से साफ नहीं किया गया तो दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाएगा. इसकी वजह से मनुष्य के छोड़े हुए उपग्रहों को भारी नुकसान होने की आशंका है. जिससे करोड़ों अरबों का नुकसान हो सकता है. अगर यह किसी वायुयान से टकरा गया तो लोगों की जान भी जा सकती है. 

- अगर यह कूड़ा किसी मानवीय उपग्रह से टकरा जाए तो  मोबाइल तथा जीपीएस नेटवर्क चौपट हो सकते हैं. 

- 10 सेंटीमीटर से बड़े 29,000 टुकड़े पृथ्वी का चक्कर काट रहे हैं. 

- इनकी रफ्तार 25,000 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा है. जो कि  यात्री विमानों की स्पीड से 40 गुना ज्यादा है.

- अंतरिक्ष के कचरे की स्पीड की वजह से इसका छोटे से छोटा टुकड़ा भी विमान या उपग्रह को नष्ट कर सकता है.

अंतरिक्ष के कचरे से पैदा हुए खतरे को भांपते हुए ESA ने क्लीन स्पेस मिशन की योजना बनाई है. लेकिन इसके लिए दुनिया के दूसरे देशों की सहमति भी जरुरी है. 

अंतरिक्ष का यह कूड़ा अगर मनुष्यों के लिए इतना खतरनाक है, तो क्या यह परग्रही प्राणियों की गतिविधियों के लिए भी उतना ही खतरनाक हो सकता है? क्या यही वजह है कि ISS के पास कथित परग्रही यानों के देखे जाने की घटना बढ़ गई है?

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