जानिए कौन बन सकता है उत्तराखंड का सीएम नंबर दस, ये नाम हैं दौड़ में शामिल

उत्तराखंड में चल रहे सियासी संकट के बीच जानिए कौन ले सकता है उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत की जगह? ये नाम हैं मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे. 

Written by - Navin Chauhan | Last Updated : Jul 2, 2021, 11:52 PM IST
  • देर रात दिल्ली से देहरादून लौटने के बाद तीरथ सिंह रावत ने दिया इस्तीफा.
  • दिल्ली में जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद तय हो गई थी विदाई.
जानिए कौन बन सकता है उत्तराखंड का सीएम नंबर दस, ये नाम हैं दौड़ में शामिल

नई दिल्ली: तीरथ सिंह रावत के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नए सिरे से नए राज्य के  मुख्यमंत्री की तलाश शुरू हो गई है. दिल्ली से देहरादून लौटने के बाद देर रात तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात करके अपना इस्तीफा सौंप दिया है. पार्टी द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति में भाजपा विधायक दल की बैठक में नए नेता का चयन होगा जो विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य का कमान संभालेगा. नरेंद्र सिंह तोमर की देखरेख में ही मार्च में तीरथ सिंह रावत को विधायक दल का नेता चुना गया था. लेकिन उनका कार्यकाल लंबे समय तक नहीं चल सका.

ऐसे में तीन महीने बाद ही राज्य में सियासी संकट उपजने के बाद नए सिरे से मुख्यमंत्री का तलाश शुरू हो गई है.  धन सिंह रावत, अनिल बलूनी, पुष्कर धामी, और सतपाल महाराज के नाम दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं. पिछली बार भी ये सभी का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे लेकिन आलाकमान ने तीरथ सिंह रावत के नाम पर मुहर लगा दी थी. 

धन सिंह रावत हैं सबसे आगे 
नए सीएम बनने की रेस में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का नाम सबसे आगे चल रहा है. धन सिंह रावत लंबे समय तक आरएसएस से जुड़े रहे हैं और राम मंदिर अभियान से लेकर उत्तराखंड राज्य के निर्माण के अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले चुके हैं. उत्तराखंड के गठन के आंदोलन के दौरान उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा था. 

हेमत सरमा ने बढ़ाया सतपाल महाराज का विश्वास 
सतपाल महाराज एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने के दावेदार के रूप में सामने आए हैं लेकिन उनकी कांग्रेसी पृष्ठभूमि कई बार उनकी राह का रोड़ा बन चुकी है लेकिन हाल ही में असम में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हेमंत बिस्वा सरमा के हाथों में राज्य की कमान सौंपी गई. इसके बाद सतपाल महाराज के लिए अपनी दावेदारी पेश करना आसान हो गया है.

अनिल बलूनी के सिर पर है आलाकमान का हाथ
राज्य सभा सासंद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी भी सीएम पद की रेस में शामिल हैं. वो आलाकमान के करीबी भी हैं जिसका फायदा उन्हें उसी तरह मिल सकता है जिस तरह तीरथ सिंह को सीएम बनाया गया था लेकिन आलाकमान इस बार कार्यकर्ताओं की पसंद को दरकिनार करने का जोखिम नहीं उठाएगा. 

खटीमा के विधायक भी हैं रेस में 
विधान सभा क्षेत्र खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी भी सीएम पद की रेस में शामिल हैं. उनका नाम पहली बार सीएम पद की रेस में शामिल हुआ है. 

हालांकि पहाड़ी बनाम मैदानी का समीकरण एक बार फिर मुख्यमंत्री के चुनाव में अहम फार्मूला साबित होगा. किसी भी स्थिति में पहाड़ी ही राज्य का कमान संभालेगा.
 
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