नई दिल्ली: OSD Lokesh Sharma: राजस्थान के निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक करीबी इन दिनों खूब चर्चा में है. पहले उसने गहलोत को कांग्रेस की हार का जिम्मेदार बताया. अब पायलट के फोन टैपिंग की बात कही है. दिलचस्प बात ये है कि यह शख्स न सिर्फ गहलोत के घर में देखा गया, बल्कि इसकी पहुंच गहलोत के घर के मंदिर तक भी थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों के बीच का नाता कितना गहरा रहा होगा. इतना ही नहीं, इस शख्स पर गहलोत सरकार को बचाने के दौरान कई नेताओं का फोन टैप करने का भी आरोप है.
कौन है लोकेश शर्मा?
लोकेश शर्मा गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके ओएसडी (Officer On Special Duty) थे. ओएसडी ऐसा ऑफिसर होता है, जो एक विशेष अधिकारी कहलाता है. राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री के पास OSD को चुनने का अधिकार होता है. OSD का काम किसी प्रोजेक्ट या टास्क को पूरा करना होता है. एक मुख्यमंत्री के पास आमतौर पर तीन-चार OSD रहते हैं. साल 2018 में गहलोत मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने सोशल मीडिया को संभालने के लिए लोकेश शर्मा को अपना OSD नियुक्त किया था. लोकेश शर्मा करीब एक दशक से मुख्यमंत्री गहलोत के साथ हैं. वे साल 2012 से गहलोत के का सोशल मीडिया संभाल रहे हैं. इस दौरान गहलोत मुख्यमंत्री थे, लेकिन तब तक लोकेश शर्मा के पास कोई आधिकारिक पद नहीं था.
NSUI से भी जुड़े रहे
45 साल के लोकेश शर्मा लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. वे साल 1993 में कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI से में शामिल हुए थे. 1999 से 2000 तक वे NSUI के महासचिव भी रहे थे. उन्होंने प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी निभाई थी. प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष नारायण सिंह के कार्यकाल के दौरान लोकेश शर्मा मीडिया
कॉर्डिनेटर हुआ करते थे.
लगे हैं फोन टैपिंग के आरोप
लोकेश शर्मा पर जुलाई 2020 में हुई पायलट बगावत के दौरान नेताओं के फोन टैप करने का आरोप है. शर्मा ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और तत्कालीन विधायक भंवरलाल शर्मा के बीच के फोन कॉल ऑडियो वायरल किए थे. शेखावत ने विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. उनका आरोप था कि मुख्यमंत्री गहलोत ने फोन टैप करवाए हैं. इसी मामले में लोकेश शर्मा को अक्सर दिल्ली क्राइम ब्रांच के पास हाजिर होना पड़ता है.
नहीं मिला कांग्रेस का टिकट
लोकेश शर्मा 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक थे. उन्होंने बीकानेर वेस्ट से टिकट मांगा था. लेकिन पार्टी ने यहां से सरकार में शिक्षा मंत्री रहे बीडी कल्ला को ही रिपीट किया. इसके बाद लोकेश ने भीलवाड़ा से भी चुनाव लड़ें की इच्छाजाहिर की थी. इसके लिए वे सचिन पायलट से भी मिले, पैरवी करने के लिए कहा. लेकिन बात नहीं बन पाई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शर्मा त्तभी से गहलोत से खफा हैं.
अब क्या आरोप लगाए
लोकेश शर्मा ने कहा है कि जब सचिन पायलट 18 विधायकों को मानेसर ले गए थे, तब प्रदेश सरकार पायलट और उनसे मिलने वालों पर नजर रख रही थी. पायलट कहां जा रहे थे, फोन पर किससे बात कर रहे थे, हर बात पर नजर रखी जा रही थी. सचिन पायलट का पीछा किया जा रहा था, उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी.
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