नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह नीति परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान देने वाली, अंतिम छोर तक डिलिवरी की गति बढ़ाने और कारोबारों के लिए धन की बचत करने वाली है. इस नीति से कारोबारों की लॉजिस्टिक लागत मौजूदा 13-14 फीसदी से घटकर एकल अंक में आने का अनुमान है.
लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी के व्यवस्थित कार्यों में सुधार
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारतीय बंदरगाहों की कुल क्षमता में काफी वृद्धि हुई है और पोतों का औसत 'टर्न-अराउंड टाइम' 44 घंटे से घटकर अब 26 घंटे पर आ गया है. उन्होंने कहा कि बंदरगाहों और समर्पित माल गलियारों को जोड़ने वाली सागरमाला परियोजना ने लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी तथा अवसंरचना विकास के व्यवस्थित कार्यों में सुधार लाना शुरू कर दिया है.
National Logistics Policy is a comprehensive effort to enhance efficiency of the logistics ecosystem in India. https://t.co/70ZlTMQILp
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2022
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार नीति आने वाले वर्षों में लागत को 7.5 प्रतिशत तक कम करने में मदद करेगी. यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) और ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स सर्विसेज (ई लॉग्स) जैसे नीति तत्व निर्यातकों और उद्योग को लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाने में मदद करेंगे.
यूलिप परिवहन क्षेत्र से संबंधित सभी डिजिटल सेवाओं को एक पोर्टल में लाएगा और निर्यातकों को बहुत लंबी और बोझिल प्रक्रियाओं से मुक्त करेगा. इसी तरह, ई-लॉग्स पोर्टल भी शुरू किया गया है, जिसके जरिए उद्योग सीधे ऐसे किसी भी मामले को उठा सकते हैं, जो सरकारी एजेंसियों के साथ उनके संचालन और प्रदर्शन में समस्या पैदा कर रहे हैं.
नितिन गडकरी ने बताया इस पॉलिसी का लाभ
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति से सभी उद्योगों और हितधारकों के लिए कारोबारी सुगमता को बढ़ावा मिलेगा. यह नीति डिजिटलीकरण और मल्टीमॉडल परिवहन पर आधारित है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि यह नीति भारत के लॉजिस्टिक क्षेत्र को पूरी तरह से बदल देगी, माल की निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देगी और कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी.
Focusing on re-engineering, digitization & multimodal transport, it would further boost 'ease of doing business' for all Partners, Industries & Stakeholders.#NationalLogisticsPolicy pic.twitter.com/b3uBeOvDgH
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) September 17, 2022
वहीं प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों के त्वरित समाधान के लिए पूरी व्यवस्था भी तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि सरकार लॉजिस्टिक क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है. सीमा शुल्क और ई-वे बिल में फेसलेस मूल्यांकन शुरू हो गया है और फास्टैग लॉजिस्टिक क्षेत्र में दक्षता ला रहा है. उन्होंने कहा कि ड्रोन से इसमें और सुधार होगा.
दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत
मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और यह विनिर्माण के केंद्र के तौर पर उभर रहा है. उन्होंने कहा कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को विश्व ने स्वीकार किया है.
उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक क्षेत्र को मजबूती देने के लिए सरकार प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है और सीमाशुल्क में बिना अधिकारी के सामने जाए आकलन की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. वहीं ई-वे बिल तथा फास्टटैग भी लॉजिस्टिक क्षेत्र में प्रभावशीलता बढ़ा रहे है.
Here is how the National Logistics Policy and PM-Gati Shakti will support each other. pic.twitter.com/ZVn843wTox
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2022
विश्वभर के बाजारों में भारतीय उत्पादों की पैठ बनाने के लिए इसके समर्थन तंत्र को मजबूत करने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति समर्थन प्रणाली को आधुनिक बनाने में मदद देगी. मोदी ने बताया कि वैश्विक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत लोकतंत्र की महाशक्ति के तौर पर उभर रहा है और ये विशेषज्ञ भारत के अभूतपूर्व कुशल परिवेश से प्रभावित हैं.
ड्रोन नीति का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, 'विशेषज्ञ भारत के दृढ़-निश्चय एवं प्रगति की सराहना कर रहे हैं.' ड्रोन नीति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे लॉजिस्टिक क्षेत्र बेहतर होगा.
उन्होंने कहा कि महामारी के दो वर्ष के बाद वृद्धि को गति देने में मदद की खातिर बनाई गई यह नीति नियमों को व्यवस्थित करेगी, आपूर्ति श्रृंखला के अवरोधकों को दूर करेगी और ईंधन लागत तथा लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए रूपरेखा देगी.
केंद्र सरकार बीते तीन साल से राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति पर काम कर रही है. वाणिज्य मंत्राल यने मसौदा नीति 2019 में जारी की थी लेकिन कोविड-19 के कारण इसमें विलंब हुआ. बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर इस नीति की घोषणा की.
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