नई दिल्ली. टीचर भर्ती घोटाले मामले में ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी का मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. कोलकाता की एक विशेष अदालत ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को तीन अगस्त की ईडी हिरासत में भेज दिया है. इसके अलावा अदालत ने हर 48 घंटे बाद दोनों के मेडिकल चेकअप का आदेश भी दिया है.
ईडी ने मांगी थी 14 दिन का हिरासत
बता दें कि, ईडी ने कोर्ट से पार्थ को 14 दिनों तक हिरासत में लेने की मांग की थी. ईडी के मुताबिक अर्पिता ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया है कि कैश पार्थ का है. ईडी का कहना था कि ये सीरियस स्कैम है. इन दोनों से पूछताछ की जानी जरूरी है. इस केस में अभी करीब 22 करोड़ बरामद हो गए हैं, जबकि 100 करोड़ से ज्यादा के रकम को रिकवर किया जाना बाकी है.
दोनों चला रहे थे 12 फर्जी कंपनियां
ईडी ने कोर्ट में बताया है कि, प्रारंभिक जांच के मुताबिक पार्थ और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता फर्जी तरीके 12 सेल कंपनियां चला रहे थे. ईडी का यह भी कहना है कि, पार्थ पूछताछ और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. पार्थ ने अपने गिरफ्तारी के कागजों पर दस्तखत करने से भी इंकार कर दिया था.
26 घंटे की पूछताछ के बाद हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि, करीब 26 घंटे तक की पूछताछ के बाद पार्थ चटर्जी को ईडी ने गिरफ्तार किया था. जिस वक्त शिक्षक भर्ती घोटाला हुआ था, पार्थ उस वक्त पश्चिम बंगल के शिक्षा मंत्री थे. शिक्षक भर्ती घोटाले का यह पूरा मामला 2016 में शुरू हुआ था. साल 2016 में शिक्षक भर्ती के दौरान ये आरोप लगाया गया कि फर्जी तरीके से भर्ती कराने के लिए ओएमआर शीट में हेरफेर किया गया.
शिक्षक भर्ती के दौरान लाखों रुपये घूस लेकर फेल उम्मीदवारों को पास कराया गया. आरोप है कि इस मामले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सीधे तौर पर शामिल थे. चटर्जी के अलावा बाकी जो लोग भी इस मामले में शामिल थे, उनकी गिरफ्तारी भी जल्द की जाएगी.
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