नई दिल्ली: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की दशहरा रैली को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित कार्यक्रम करार देते हुए शुक्रवार को यह कहकर मजाक उड़ाया कि शिंदे ने अपने भाषण के दौरान 'मोदी-शाह चालीसा पढ़ी'.
शिंदे गुट को बताया 'नकली शिवसेना'
उद्धव नीत शिवसेना ने शिंदे के नेतृत्व वाले अलग हुए गुट को 'नकली शिवसेना' भी करार दिया. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में छपे एक संपादकीय लेख में पार्टी ने दावा किया कि शिंदे खेमा ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में आयोजित दशहरा रैली पर 50 करोड़ रुपये से 100 करोड़ रुपये खर्च किए होंगे.
इस रैली में समर्थकों को लाने-ले जाने के लिए लगभग 2,000 बस बुक की गईं और कार्यक्रम में शामिल हुए दो लाख से अधिक लोगों को भोजन कराया गया. उद्धव नीत शिवसेना ने कहा, 'बीकेसी की रैली भाजपा समर्थित कार्यक्रमों में से एक थी. इस रैली पर खर्च की गई धनराशि का उपयोग कुछ विधायकों को खरीदने के लिए किया गया होगा. यह कार्यक्रम एक फैशन शो और एक सौंदर्य प्रतियोगिता की तरह था.'
50 करोड़ रुपये लेने का लगाया आरोप
जब से शिंदे और शिवसेना के अन्य विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत की, उद्धव ठाकरे गुट उन्हें यह कहते हुए निशाना बना रहा है कि प्रत्येक बागी विधायक ने 50 'खोके' लिए अर्थात 50 करोड़ रुपये लिए.
सामना में छपे संपादकीय लेख के मुताबिक 'रैली शिवसेना के नाम पर आयोजित की गई थी, लेकिन यह भाजपा के एक कार्यक्रम की तरह ही थी, क्योंकि अपने भाषण में नकली शिवसेना के प्रमुख नेता (शिंदे) ने मोदी-शाह चालीसा (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ करते हुए) को पढ़ा.'
दशहरा की शाम शिवसेना के दोनों धड़ों ने विशाल रैलियां कीं. ठाकरे ने जहां दादर इलाके के शिवाजी पार्क में अपनी रैली को संबोधित किया, वहीं शिंदे ने बीकेसी में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया. शिवसेना के 39 विधायक, 12 सांसद शिंदे के खेमे में आ गए हैं. इसके अलावा 10 निर्दलीय विधायकों का भी उन्हें समर्थन प्राप्त है.
इसे भी पढ़ें- हिंदू देवी-देवताओं का अपमान कब तक? केजरीवाल के मंत्री की करतूत पर मचा कोहराम
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.