नई दिल्ली: CPM General Secretary Sitaram Yechury Death: कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के कद्दावर नेता और महासचिव सीताराम येचुरी का निधन हो गया है. वे लंबे समय से CPM का लाल झंडा उठाए हुए थे, उनके जाने से पार्टी के नेता कैडर दुखी है. येचुरी 2015 में पार्टी के महासचिव बने, 2022 में उनका कार्यकाल फिर से बढ़ा. 1964 में बनी CPM में पहली बार किसी का महासचिव रहते हुए निधन हुआ है. पार्टी को भविष्य देखते हुए जल्द ही नए महासचिव की नियुक्ति करनी होगी. अब हर कोई यही जानना चाहता है कि येचुरी के जाने के बाद CPM में जो जगह खाली हुई है, वहां कौन बैठेगा? सीताराम येचुरी का उत्तराधिकारी कौन होगा?
CPM में महासचिव चुनने की ये प्रक्रिया
हर राजनीतिक दल का एक संविधान होता है. इसमें पार्टी पदों पर लोग कैसे चुने जाएंगे, इसके बारे में भी लिखा होता है. CPM के संविधान के अनुच्छेद 15 (5) में महासचिव के चुनाव का जिक्र है. इसमें बताया गया है कि सेंट्रल कमेटी के पास महासचिव को चुनने का अधिकार होता है. अखिल भारतीय स्तर पर एक बैठक बुलाई जाएगी. ये अप्रैल 2025 में होनी है. इसमें पोलित ब्यूरो के सदस्य भी चुने जाते हैं, जो महासचिव की सहायता करते हैं. CPM के अब तक के सारे महासचिव पहले पोलित ब्यूरो के मेंबर रहे हैं.
9 महीने तक खाली रहेगा महासचिव का पद?
CPM के पास फिलहाल तीन ऑप्शन हैं. पहला तो ये जब तक बैठक नहीं होती यानी अप्रैल 2025 तक महासचिव का पद खाली पड़ा रहे. लेकिन इससे पार्टी कैडर में अच्छा संदेश नहीं जाएगा, महासचिव पार्टी की जरूरी मुद्दों पर रणनीति बनाता है. इसलिए इस पद पर किसी का होना आवश्यक है. CPM के पास बाकी बचे 2 ऑप्शन ये हैं:
1. संविधान में बदलाव: पार्टी अगले कुछ महीनों के लिए अंतरिम महासचिव नियुक्त कर सकती है. पोलित ब्यूरो के किसी नेता को ये जिम्मेदारी दी जा सकती है. लेकिन पार्टी के संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसा करने के लिए संविधान बदलना होगा.
2. बैठक बुलाई जाए: पार्टी चाहे तो अप्रैल 2025 में होने वाली बैठक को पहले कर सकती है. सेंट्रल कमेटी की बैठक में CPM नए महासचिव की नियुक्ति कर सकती है. ये एक आसान विकल्प है, पार्टी इस पर विचार कर सकती है.
कौन बन सकता है CPM का नया महासचिव?
मोहम्मद सलीम: पूर्व लोकसभा सांसद मोहम्मद सलीम CPM के सचिव पद पर हैं. वे एक मुखर वक्ता के तौर पर जाने जाते हैं. अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले सलीम बंगाल के रहने वाले हैं. 2015 में पोलित ब्यूरो के सदस्य बने थे.
एमवी गोविंदन: केरल CPM के सचिव एमवी गोविंदन को साल 2022 में संगठन की जिम्मेदारी मिली थी. वे केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के करीबी माने जाते हैं.
माणिक सरकार: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रह चुके है माणिक सरकार भी महासचिव पद की रेस में हैं. इनका प्लस पॉइंट यह है कि ये किसी गुट के नहीं माने जाते.
प्रकाश करात: CPM के पूर्व महासचिव प्रकाश करात की एंट्री एक बार फिर हो सकती है. हालांकि, पार्टी संविधान कहता है कि एक व्यक्ति अधिकतम 3 कार्यकाल के लिए ही महासचिव बन सकता है. करात 2005 से 2015 तक महासचिव रह चुके हैं.
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