नई दिल्लीः मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के मामले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है. उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. दरअसल इलाहबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पास शाही ईदगाह कॉम्पलेक्स का सर्वे कराने का आदेश दिया था. इस पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
कमिश्नर नियुक्त करने का दिया था आदेश
इससे पहले गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर स्थित शाही ईदगाह मस्जिद के विवादित स्थल पर सर्वे की मंजूरी दी थी. साथ ही कोर्ट ने चल रहे विवाद पर कमिश्नर नियुक्त करने को कहा था. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस की पोषणीयता तथा कोर्ट कमिश्नर भेजे जाने संबंधी अर्जी पर अपना फैसला सुनाया था.
न्यायमूर्ति मयंक जैन की पीठ ने हिंदू पक्ष की याचिका पर सर्वे को मंजूरी दी थी. पीठ कुल 18 सिविल वादों की सुनवाई कर रही थी.
नवंबर में कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला
दरअसल, 16 नवंबर को इस अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था. इस दिन विवादित परिसर की 18 याचिकाओं में से 17 पर सुनवाई हुई थी. ये सभी याचिकाएं मथुरा जिला अदालत से इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए शिफ्ट हुई थी.
शाही मस्जिद बनाने का है विवाद
पक्षकार ने मंदिर का पौराणिक पक्ष रखते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र ने मथुरा मंदिर का निर्माण कराया था. मंदिर के लिए जमीन दान में मिली थी. इसलिए जमीन के स्वामित्व का कोई विवाद नहीं है. मंदिर तोड़कर शाही मस्जिद बनाने का विवाद है. राजस्व अभिलेखों में जमीन अभी भी कटरा केशव देव के नाम दर्ज है.
हाई कोर्ट में दायर की गई थी याचिका
बता दें कि 'भगवान श्री कृष्ण विराजमान' और 7 अन्य लोगों ने वकील हरि शंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडे और देवकी नंदन के माध्यम से इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सर्वे की मांग की थी. याचिका में दावा किया गया था कि भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान मस्जिद के नीचे है और वहां कई संकेत हैं जो स्थापित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर था.
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.