नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को अब औपचारिक रूप से दिवंगत सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की विरासत से नवाजा गया है, जिन्हें 'नेताजी' के नाम से जाना जाता है. मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को एक चुनावी सभा में कहा कि अब से अखिलेश को 'छोटे नेताजी' कहा जाना चाहिए.
अखिलेश को 'छोटे नेताजी' कहने की कर दी अपील
उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि लोग अखिलेश को 'छोटे नेताजी' कहें. अखिलेश और मैं अब एक साथ खड़े हैं और इसे लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए. मैंने उन्हें अपने नेता के रूप में स्वीकार कर लिया है.
शिवपाल यादव का बयान एक बड़ा बदलाव लेकर आएगा क्योंकि उन्हें हमेशा पार्टी में अखिलेश के वर्चस्व के लिए एक खतरे के रूप में देखा जाता था.
कैसे दूर हुए अखिलेश-शिवपाल के मतभेद?
बता दें, पिछले महीने मुलायम सिंह के निधन के बाद शिवपाल और अखिलेश ने अपने मतभेदों को दूर कर लिया और दोनों नेता मैनपुरी सीट से सपा उम्मीदवार डिंपल यादव की जीत सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, जो पहले मुलायम सिंह के पास थी.
सुरक्षा कम करने पर छलका शिवपाल का दर्द
प्रगतिवादी समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर उनकी सुरक्षा कम करने को लेकर निशाना साधा और कहा कि भाजपा से यही 'उम्मीद' थी और अब डिंपल यादव की जीत का अंतर (मैनपुरी उपचुनाव में) और बढ़ जाएगा.
मैनपुरी में पूरी ताकत झोंक रही सपा
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनके प्रतिनिधित्व वाली मैनपुरी सीट पर होने वाले उपचुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव इस सीट से पार्टी की उम्मीदवार हैं. डिंपल के लिए प्रचार कर रहे यादव से जब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा कम करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'भाजपा से इसकी उम्मीद थी और अब जनता और पार्टी के कार्यकर्ता मेरी सुरक्षा करेंगे.'
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