वाराणसी: सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग को सील कर दिया है लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं रह सकता. ये धार्मिक तौर पर गलत है इसलिए हम कोर्ट से अपील करते हैं कि शिवलिंग को खोला जाए और उसकी पूजा करने की अनुमति प्रदान करें. यह कहना काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो नागेंद्र पांडेय का.
इन लोगों पर की कार्रवाई की मांग
नागेंद्र पांडेय कहते हैं कि अदालत के आदेश को मानने की बाध्यता होनी चाहिए चाहे कोई भी अदालत हो, कुछ लोग ऐसे व्यवहार कर रहे हैं जैसे ये घर की खेती हो, पुलिस के बाद अब कोर्ट पर भी सवाल उठाने वालों पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही की मांग करता हूं.
बोले, मुस्लिम पक्ष का आरोप झूठा
उनका कहना है कि मुस्लिम पक्ष का ये सरासर झूठा आरोप है कि अदालत में उनकी बात नहीं सुनी गई, दोनों पक्षों को कोर्ट ने सुना है और तब निर्णय हुआ है. इस तरह से बेतुकी बातें न्यायालय को घसीट कर नहीं करना चाहिए, और अच्छी बात है कि SC ने जिला अदालत के महत्व को समझा और उसे स्वीकार किया और जहां विवाद है वहीं सुनवाने के लिए आदेश दिया.
जुमे की नमाज की भीड़ पर उठाए सवाल
नागेंद्र पांडेय ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में जुमे की नमाज में इतनी भीड़ कभी नहीं होती थी, ज्ञानवापी बर्निंग मेटर है और हिंदू हमेशा वहां पूजा करता है क्योंकि वो उसे मंदिर मानता है. मुस्लिम पक्ष को पता है कि आतंकवादी अतिक्रमणकारी ने वहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई इसलिए वो घबराए हुए हैं क्योंकि उन्हें पता है अब सच्चाई का समय आ गया है इसी वजह से वहां कल शक्ति प्रदर्शन करके दवाब बनाने की कोशिश की जा रही है.
उनके मुताबिक हिंदू पक्ष के तर्क में ताकत है उनकी दलील में सच्चाई है वहां सामान्य आदमी भी देखकर कह सकता है वो मंदिर है, मैं सालों से ये कहता रहा हूं. मुस्लिम अपनी प्रकृति को सहिष्णु नहीं बना रहा है, उसे भी गंगा जमुनी तहजीब का ध्यान रखना चाहिए लेकिन वो ऐसा करते कहीं नहीं दिख रहे हैं. ये हिंदुओं को दबाना चाहते हैं और शक्ति के बल पर मनमानी करना चाहते हैं.
मुस्लिम नेताओं को भी घेर
नागेंद्र पांडेय कहते हैं कि कुछ मुस्लिम नेता जानबूझकर इस मामले में देश के विरुद्ध भड़काऊ बातें कर रहे हैं, वहां मंदिर में अभी तक सिर्फ कुछ लोग जाते थे, कल भारी भीड़ पहुंची क्योंकि वो दिखाने चाह रहे हैं कि हमारे खिलाफ फैसला आया तो बबाल कर देंगे, ये क्या है. अगर इस तरह से उन्हें करना है तो न्यायालय की क्या जरूरत है. हिंदू पक्ष शांतिपूर्ण ढंग से फैसला चाहते हैं लेकिन वो नहीं चाहते हैं.
पांडेय ने कहा कि ओवैसी जैसे लोग प्रशासन और संविधान को सीधी चुनौती दे रहे हैं, ये विभाजनपूर्ण वक्तव्य दे रहे हैं और मेरी अपील है कि इसे कानून से रोका जाए, हमारे सब्र की सीमा को लांघ रहे हैं. आखिर कब तक हिंदू समाज सहता रहेगा? वो कह रहे हैं कि जेल भरेंगे और ईंट से ईंट बजा देंगे? क्या ये देश के खिलाफ नहीं है? क्या वो लोग न्यायालय को नहीं मानते हैं, वो कानून, संविधान और बहुसंखुनकों को चुनौती दे रहे हैं
'शिवलिंग को बंद न करें'
नागेंद्र पांडेय ने कहा, मेरा व्यक्तिगत मानना है की शिवलिंग को बंद न करें, उसे खुलवाकर उसका विश्लेषण हो, विशेषज्ञ इसको तय करें क्योंकि शिवलिंग लंबे समय तक बंद नहीं रहना चाहिए, ये धर्म विरुद्ध है. जज से उम्मीद है वहां हमें भी पूजा की अनुमति प्रदान करें. समय आ गया है की हमारे पौराणिक स्थल को वापस लिया जाए और हमें पूजा का अधिकार प्रदान किया जाए. हमारी माँग है कि जब तक फैसला नहीं आ जाता तब तक शिवलिंग काशी विश्वनाथ न्यास को सौंप दिया जाए.
पक्ष में फैसला आने का विश्वास
नागेंद्र पांडेय ने कहा कि न्यायालय हमारे खिलाफ फैसला दे नहीं सकता क्योंकि सारे तथ्य हमारे साथ हैं. न्यायालय में विवेक है कि वो सच और झूठ का पता लगाए. हम पूर्ण रूप से आश्वस्त है की हमारे पक्ष में फैसला आएगा.
सुप्रीम कोर्ट और सरकार पर भरोसा
नागेंद्र पांडेय के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने पूजा स्थल कानून का पूरा का पूरा उत्तर दे दिया है, ये हमारे लिए बढ़ी जीत है, आप इसका मतलब समझिए, इसके बाद 1991 को लेकर कोई प्रश्न नहीं बचना चाहिए, ये टाइटल सूट नहीं है, 1991 टाइटल सूट पर लागू होता है, हम सिर्फ पूजा के अधिकार की मांग कर रहे हैं. 91 का कानून से सिर्फ छलावा किया जा रहा है और हिंदू को भ्रमित किया जा रहा है. ये कानून इस मामले में लागू ही नहीं होता है.
वह कहते हैं कि मोदी जी और योगी जी आज सत्ता में है उसके बावजूद जबरन कुछ नहीं किया गया, कोई विधेयक पारित करके वो मंदिर नहीं बना रहे हैं क्योंकि वो संविधान को मानते हैं और न्यायालय से फैसला चाहते हैं. इस मामले में न्यायालय से विनती है कि इसे राम मंदिर जैसा ना टाला जाए इस पर डे टू डे सुनवाई हो नहीं तो इससे भी कुछ लोग फायदा लेना चाहते हैं, आप उनकी बयानबाजी रोज देख ही रहे हैं. राम मंदिर मामले में इतना समय लगा उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है, उन्होंने स्वयं उसको लटका कर रखा है लेकिन वर्तमान सरकार ऐसी नहीं है, उम्मीद है नंदी की प्रतीक्षा जल्द समाप्त होगी.
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