नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सियासी उठापटक अभी खत्म नहीं हुई है. अब तक सीएम की कुर्सी के लिए सियासी जंग चल रही थी, तो अब शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई शुरू होने वाली है. उद्धव के एक बागी विधायक ने ये दावा किया है कि अभी पूरी पिक्चर बाकी है, शिवसेना के 12 सांसद बगावत करके शिंदे गुट के साथ आने वाले हैं.
राष्ट्रपति चुनाव के बाद होगी बगावत?
शिवसेना के एक सांसद द्वारा पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की घोषणा का आग्रह करने के एक दिन बाद, पार्टी के एक बागी विधायक ने बुधवार को दावा किया कि 18 सांसदों में से 12 जल्दी ही एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो जायेंगे.
जलगावं जिले में अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मीडिया से बातचीत करते हुये विधायक गुलाबराव पाटील ने कहा कि शिंदे गुट पार्टी का गौरव बहाल करेगा. पाटिल पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
55 में से 40 विधायक शिंदे गुट के पास
उन्होंने कहा, 'हमारे (बागी गुट) पास 55 में से 40 विधायक हैं और 18 में से 12 सांसद हमारे साथ आ रहे हैं. फिर पार्टी किसकी हुई? मैंने चार सांसदों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की है. हमारे साथ 22 पूर्व विधायक भी हैं.'
शिवसेना के लोकसभा सदस्य राहुल शेवाले ने मंगलवार को उद्धव ठाकरे से आग्रह किया कि वह पार्टी के सांसदों से राष्ट्रपति पद की राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के लिये कहें क्योंकि मुर्मू आदिवासी हैं और समाज में उनका महती योगदान है.
असली शिवसेना का मुखिया कौन?
उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के विश्वस्तों ने अपने अपने समूह के असली शिवसेना होने का दावा किया है. शिवसेना के 55 में से 40 विधायक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ हैं.
पाटिल ने कहा कि उन्होंने सत्ता के लिए पार्टी नहीं छो़ड़ी बल्कि 'सत्ता छोड़ी है जबकि हम मंत्री थे.' उन्होंने कहा 'एक नहीं, बल्कि आठ मंत्रियों ने पार्टी छोड़ी, इसका मतलब है कि हम हमारी शिवसेना को बचाना चाहते हैं.'
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