अब विश्व धरोहर बना शांतिनिकेतन, UNESCO ने अपनी लिस्ट में किया शामिल, PM बोले-गर्व का क्षण

शांति निकेतन की स्थापना विश्वकवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर के पित महर्षि देवेंद्र नाथ टैगोर ने की थी. यह जगह पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर इलाके में स्थित है जो राजधानी कोलकाता से करीब 152 किलोमीटर की दूरी है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 18, 2023, 06:49 PM IST
  • पीएम मोदी ने बताया गर्व का क्षण.
  • अब विश्व धरोहर बना शांतिनिकेतन.
अब विश्व धरोहर बना शांतिनिकेतन, UNESCO ने अपनी लिस्ट में किया शामिल, PM बोले-गर्व का क्षण

नई दिल्ली. यूनेस्को ने पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन को अपनी विश्व धरोहर की सूची में जगह दी है. सऊदी अरब के रियाद में चल रहे यूनेस्को विश्व धरोहर कमेटी के 45वें सेशन में शांति निकेतन को इस विशेष सूची में शामिल कर लिया. यूनेस्को ने X प्लेटफॉर्म पर भी इसकी घोषणा की. 

पीएम मोदी ने बताया गर्व का क्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति निकेतन के यूनेस्को विश्व धरोहर सूची का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने X पर पोस्ट किया- 'खुशी है कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के दृष्टिकोण और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक शांति निकेतन को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है. यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है.'

रविंद्रनाथ टैगोर के पिता ने की थी स्थापना
शांति निकेतन की स्थापना विश्वकवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर के पित महर्षि देवेंद्र नाथ टैगोर ने की थी. यह जगह पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर इलाके में स्थित है जो राजधानी कोलकाता से करीब 152 किलोमीटर की दूरी है. 

रविंद्रनाथ टैगोर ने की विश्वभारती की स्थापना
देवेंद्रनाथ टैगोर ने भले ही इसकी स्थापना की थी लेकिन असली विस्तार किया रविंद्रनाथ टैगोर ने. साल 1963 में देवेंद्रनाथ टैगोर ने उस वक्त बीरभूम के तालुकदार भुबन मोहन तालुकदार से 20 एकड़ जमीन स्थाई लीज़ पर ली थी. इसी में शांतिनिकेतन की स्थापना हुई. बाद में रविंद्रनाथ टैगोर ने इसी में विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना की थी.

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