नई दिल्ली: भारत में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला केरल में सामने आया है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने ये जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि दुबई से केरल लौटे 31 साल के व्यक्ति को कन्नूर के परियाराम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है. शख्स में मंकीपॉक्स बीमारी की पुष्टि हुई है.
संपर्क में आने वाले सभी लोग आइसोलेट
जॉर्ज ने कहा कि मरीज की हालत ठीक है और वह डॉक्टरों की निगरानी में है. उसके निकट संपर्क में आने वाले सभी लोगों को आइसोलेट कर दिया गया है.
देश में पहला मामला 14 जुलाई को केरल के कोल्लम में दर्ज किया गया था, जब संयुक्त अरब अमीरात से आए एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी. केरल की राज्य सरकार के मुताबिक यह व्यक्ति हाल ही में विदेश यात्रा करके आया. इसके बाद से केंद्र सरकार अलर्ट हो गई.
क्या कोरोना की तरह फैलेगी ये बीमारी?
मंकीपॉक्स आने के बाद से हर किसी के मन में यह डर है कहीं यह भी कोरोनावायरस की तरह फैल तो नहीं जाएगा. छोटे बच्चों और कम उम्र के युवाओं में मंकीपॉक्स के फैलने का खतरा ज्यादा है, ऐसे लोग जिन्हें कभी small pox के लिए वैक्सीन लग चुकी है या फिर उन्हें जीवन में कभी स्मॉलपॉक्स हो चुका है.
मंकीपॉक्स स्मालपॉक्स की तरह और चेचक की ही तरह की कैटेगरी की बीमारी है. इस बीमारी में तेज बुखार आ सकता है चेहरे और हाथों पर पानी वाले दाने निकल सकते हैं. चिंता की बात यह है कि मंकीपॉक्स में दाने आंखों में और मुंह के अंदर भी निकलते हैं. आंखों में इस बीमारी की वजह से रोशनी पर भी असर पड़ सकता है.
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