जामिया मिलिया इस्लामिया: सफूरा जरगर के पीएचडी दाखिले को रद्द करने की सिफारिश, जानें वजह

सफूरा जरगर ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध किया था. उन पर आरोप है कि वे उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में शामिल थीं. इसके बाद उन्हें गैर कानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 26, 2022, 11:39 AM IST
  • सफूरा जामिया में एमफिल की छात्रा रही थीं
  • जेसस एंड मैरी कॉलेज से बीए किया है
जामिया मिलिया इस्लामिया: सफूरा जरगर के पीएचडी दाखिले को रद्द करने की सिफारिश, जानें वजह

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने सफूरा जरगर के पीएचडी के दाखिले को रद्द करने की स्वीकृति प्रदान की है. सफूरा को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में गैर कानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था. 

एमफिल की छात्रा
सफूरा जामिया में एमफिल की छात्रा रही थीं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के जेसस एंड मैरी कॉलेज से बीए किया है. इसके बाद उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से समाजशास्त्र में एमए किया, और 201 9 में एमफिल शुरू किया.

वह 10 अप्रैल से 24 जून 2020 तक हिरासत में थी. उन पर दंगों की साजिश का हिस्सा होने और 23 फरवरी 2020 को भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था. जरगर का जन्म 1993 में जम्मू कश्मीर स्थित किश्तवाड़ में हुआ था. उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे.

क्या है कारण
जामिया यूनिवर्सिटी का कहना है कि थीसिस में सफूरा जरगर का कार्य संतोषजनक नहीं है. थीसिस में आवश्यक प्रगति न होने के कारण उनका रिसर्च कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है. जामिया मिलिया इस्लामिया से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सफूरा जरगर को थीसिस के मामले में कई बार एक्सटेंशन दिया गया. विश्वविद्यालय ने अपने स्तर पर उनको हर संभव सहायता प्रदान की, बावजूद इसके उनकी प्रगति असंतोषजनक रही है.

अधिसूचना जारी की जाएगी
सफूरा जरगर के सुपरवाइजर और रिसर्च एडवाइजरी कमेटी द्वारा उनका एडमिशन रद्द करने की सिफारिश की गई. इस सिफारिश को डिपार्टमेंट रिसर्च कमेटी डीआरसी द्वारा अनुमोदित किया गया. अध्ययन बोर्ड से इसे अंतिम मंजूरी मिल गई है. फिलहाल इस को लेकर अधिसूचना जारी नहीं की गई है लेकिन विश्वविद्यालय का कहना है कि जल्द ही इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी.

सफूरा जरगर ने दिया जवाब
इस कार्रवाई पर सफूरा जरगर ने सोशल मीडिया पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एमफिल थीसिस जमा करने के विस्तार के लिए उनके आवेदन को आठ महीने से अधिक समय के लिए रोक दिया गया. हालांकि इसकी कोई लिखित जानकारी नहीं दी गई है अभी उन्हें केवल मौखिक रूप से सूचित किया है कि उन्हें विस्तार नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि मेरा एडमिशन जल्द ही रद्द कर दिया जाएगा. यह पूरी तरह से भेदभाव पूर्ण कार्यवाही है. उन्होंने इस संबंध में जामिया मिलिया इस्लामिया की वाइस चांसलर नसीम अख्तर को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि उनका उत्पीड़न और उपहास किया जा रहा है.

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