कोलकाता. 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्र में सत्तासीन बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता के प्रयासों में कई तरह दिक्कतें भी सामने दिख रही हैं. पश्चिम बंगाल CPM के राज्य नेतृत्व ने रविवार को केंद्रीय समिति को पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी द्वारा हाल ही में बेंगलुरु में विपक्षी गठबंधन की बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मंच साझा करने के बाद पार्टी में पनप रहे आंतरिक असंतोष से अवगत कराया है.
CPM के सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय समिति को विशेष रूप से हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में कथित तौर पर तृणमूल कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसा और नरसंहार की पृष्ठभूमि से अवगत कराया. सूत्रों ने कहा कि स्पष्ट कर दिया गया है कि पार्टी नेतृत्व के स्पष्टीकरण से भाजपा और तृणमूल के साथ एक जैसा व्यवहार करने के पार्टी के रुख पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
पार्टी सदस्य ही नहीं समर्थक भी परेशान
पार्टी कार्यकर्ताओं ने तर्क दिया है कि यदि महागठबंधन के मंच पर उपस्थिति आवश्यक थी तो महासचिव अपने किसी साथी पोलित ब्यूरो सदस्य को तैनात कर सकते थे. न केवल पार्टी सदस्य बल्कि कट्टर पार्टी समर्थक भी परेशान हैं. राज्य समिति के एक सदस्य ने कहा, 'ये समर्थक अभी भी सत्तारूढ़ दल के हमलों का मुकाबला करने के लिए राज्य में CPM के सत्ता में वापस आने का सपना देखते हैं. हम इस भावना को नजरअंदाज नहीं कर सकते.' हालाँकि, ऐसे सदस्य भी हैं जो बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा करने वाले सीताराम येचुरी का समर्थन करते हैं.
केरल से भी उठ सकती हैं आवाजें
केंद्रीय समिति के एक सदस्य ने कहा, 'केरल में राज्य नेतृत्व भी कांग्रेस के साथ मंच साझा करने पर समान नाराजगी व्यक्त कर सकता है क्योंकि CPM और कांग्रेस तटीय राज्य में प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हैं. पश्चिम बंगाल में कम से कम हम कांग्रेस के साथ समझौता कर रहे हैं. मैं समझता हूं कि मुद्दा पेचीदा है लेकिन सभी को यह समझना चाहिए कि राष्ट्रीय और राज्य के दृष्टिकोण अलग-अलग हैं.'
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