संजीव खन्ना को वकील नहीं तो क्या बनाना चाहते थे माता-पिता? अब जल्द बनेंगे देश के CJI

Next CJI Sanjiv Khanna: अंकल जस्टिस एचआर खन्ना से प्रेरित होकर संजीव खन्ना ने भी कानून की पढ़ाई करने का फैसला किया. उनके अंकल ने भी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में भी काम किया है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Oct 30, 2024, 07:52 PM IST
  • अंकल जस्टिस एचआर खन्ना से प्रेरित हुए संजीव
  • न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 11 नवंबर को शपथ लेंगे
संजीव खन्ना को वकील नहीं तो क्या बनाना चाहते थे माता-पिता? अब जल्द बनेंगे देश के CJI

Sanjiv Khanna: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 11 नवंबर को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने वाले हैं. इस बीच उनको लेकर कुछ जानकारी सामने आई है. बताया जा रहा है कि शुरू में संजीव के माता-पिता उन्हें चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने की ओर ले प्रेरित कर रहे थे, क्योंकि उनका मानना ​​था कि कानूनी करियर चुनौतीपूर्ण होगा.

हालांकि, अपने अंकल जस्टिस एचआर खन्ना से प्रेरित होकर संजीव खन्ना ने भी कानून की पढ़ाई करने का फैसला किया. उनके अंकल ने भी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में भी काम किया है.

एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया, 'उन्होंने हमेशा अपने अंकल को एक आदर्श रोल मॉडल माना और उनके काम का बारीकी से पालन किया. जस्टिस एचआर खन्ना न केवल अपने बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों के जूते भी पॉलिश करते थे और अपने कपड़े भी खुद धोते थे.'

संजीव खन्ना ने जस्टिस एचआर खन्ना के सभी फैसले, नोट्स और रजिस्टर संभाल कर रखे हैं और रिटायर होने के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट की लाइब्रेरी को देने की योजना बना रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है, '2019 में सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में अपने पहले दिन, वह उसी कोर्टरूम में थे, जहां उनके अंकल ने काम किया था. जस्टिस एचआर खन्ना का एक चित्र वहां प्रदर्शित है, लेकिन संजीव खन्ना ने अभी तक उस स्थान पर फोटो नहीं खिंचवाई है, लेकिन वह अपनी सेवानिवृत्ति से पहले ऐसा करने का इरादा रखते हैं.' उनका कार्यकाल 13 मई, 2025 को पूरा होने की उम्मीद है.

संजीव खन्ना के माता-पिता
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की मां सरोज खन्ना लेडी श्री राम कॉलेज में लेक्चरर थीं, जबकि उनके पिता देवराज खन्ना एक वकील थे, जो बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बने. न्यायमूर्ति एचआर खन्ना उस पीठ में शामिल थे, जिसने 1976 में एडीएम, जबलपुर बनाम शिवकांत शुक्ला के ऐतिहासिक 'बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले' में सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था.

जनवरी 1977 में इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा न्यायमूर्ति एमएच बेग को भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के बाद न्यायमूर्ति एचआर खन्ना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

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