चाचा-भतीजे के मिलन पर ओमप्रकाश राजभर को क्यों हुआ दर्द? जानें पूरा माजरा

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि प्रसपा के साथ आने से सपा को कुछ हासिल नहीं होगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 10, 2022, 06:49 PM IST
  • 'अखिलेश-शिवपाल को कुछ हासिल नहीं होगा'
  • आखिर क्यों ऐसा बोल गए ओमप्रकाश राजभार?
चाचा-भतीजे के मिलन पर ओमप्रकाश राजभर को क्यों हुआ दर्द? जानें पूरा माजरा

नई दिल्ली: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शनिवार को कहा कि प्रसपा एवं सपा के साथ आने से पार्टी को कुछ हासिल नहीं होगा. राजभर ने दावा किया है कि मैनपुरी में सपा को मुलायम सिंह यादव के निधन से उपजी सहानुभूति का लाभ मिला है.

शिवपाल-अखिलेश पर राजभर का तंज
सुभासपा अध्यक्ष राजभर ने शनिवार को जिले के सिकंदरपुर में पार्टी के एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया और समाजवादी पार्टी के साथ आने से सपा को कुछ भी हासिल नहीं होगा. राजभर का इशारा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की ओर था.

मैनपुरी में हाल में हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने पिछले सभी मतभेद भुलाकर एक साथ मिलकर सपा उम्मीदवार डिंपल यादव का प्रचार किया और डिंपल ने दो लाख 88 हजार से अधिक मतों के अंतर भारतीय जनता पार्टी के रघुराज सिंह शाक्य को पराजित कर यह चुनाव जीता.

उपचुनाव में जीत को बताया सहानुभूति
राजभर ने उप्र विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव एवं शिवपाल सिंह यादव मिलकर चुनाव लड़े थे, दोनों नेता पहले से ही साथ हैं. उन्होंने दावा किया कि मैनपुरी में सपा को लोकसभा के उप चुनाव में मुलायम सिंह यादव के निधन से उपजी सहानुभूति लहर का लाभ मिला है.

उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव मैनपुरी में लोकसभा का पिछला चुनाव सपा व बसपा गठबंधन से लड़े थे और तकरीबन 95 हजार मतों के अंतर से जीते थे. डिंपल यादव दो लाख 88 हजार से अधिक मतों के अंतर से विजयी हुई हैं तो स्पष्ट है कि उनकी विशाल जीत में सहानुभूति लहर का योगदान है. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि मैनपुरी में मुस्लिम समाज ने सपा का समर्थन किया तथा सपा चुनाव जीत गई, लेकिन रामपुर में यादव समाज ने भाजपा के पक्ष में मतदान कर दिया.

रामपुर में सपा को मिली करारी शिकस्त
इसके कारण रामपुर में पहली बार गैर मुस्लिम विधायक निर्वाचित हुआ है. गौरतलब है कि रामपुर विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के आकाश सक्सेना ने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान की पसंद के सपा उम्मीदवार आसिम राजा को हराकर यह सीट जीत ली.

1977 से रामपुर सीट पर आजम खान का वर्चस्व रहा है, जहां पिछले दिनों भड़काऊ भाषण के मामले में आजम खान को सांसद-विधायक अदालत द्वारा तीन वर्ष की सजा सुनाये जाने और उन्हें अयोग्य घोषित किये जाने के बाद उप चुनाव की जरूरत पड़ी.

ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा ने समाजवादी पार्टी से मिलकर 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा और राज्य की 403 सदस्यीय विधानसभा में छह सीटों पर जीत दर्ज की. हालांकि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान राजभर के अखिलेश यादव से मतभेद हो गये और इसके बाद सपा-सुभासपा का गठबंधन टूट गया. विधानसभा चुनाव के बाद से ही अखिलेश यादव के खिलाफ राजभर मुखर हैं.

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