नई दिल्ली: केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाले ‘आत्मनिर्भर नये भारत’ में हिंसा और वामपंथी चरमपंथ के विचारों के लिए कोई स्थान नहीं है.
हिंसा के प्रति 'कतई बर्दाश्त नहीं करने' की नीति
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने कहा कि वामपंथी चरमपंथ से निपटने की मंत्रालय की नीति के तीन मुख्य स्तंभ हैं... बेहद कठोरता से हिंसा को खत्म करने की रणनीति, केन्द्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और विकास में जनभागीदारी के माध्यम से चरमपंथियों को मिलने वाला समर्थन खत्म करना.
अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि मोदी सरकार ने वामपंथी चरमपंथ और सभी तरह की हिंसा के प्रति ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति अपनायी है. उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाले ‘आत्मनिर्भर नये भारत’ में हिंसा और वामपंथी चरमपंथ के विचारों के लिए कोई स्थान नहीं है.
गृहमंत्री ने कहा कि पिछले आठ साल में वामपंथी चरमपंथ पर काबू करने में इस तीन सूत्री नीति ने ऐतिहासिक परिणाम दिए हैं.
वामपंथी चरमपंथ की घटनाओं में आई कमी
उन्होंने कहा कि करीब चार दशकों में पहली बार 2022 में (नक्सली घटनाओं में) 100 से कम असैन्य नागरिकों और सुरक्षा बलों के कर्मियों की मौत हुई थी और 2010 के मुकाबले 2022 तक वामपंथी चरमपंथ की घटनाओं में 76 फीसदी की कमी आई है.
इतना ही नहीं, 2010 के (1,005) के मुकाबले वामपंथी चरमपंथ के कारण मरने वाले असैन्य नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों की संख्या 2022 में 90 फीसदी घटकर 98 रह गई है. शाह ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय धन प्राप्ति के सभी रास्ते बंद करके वामपंथी चरमपंथ की पूरी पारिस्थितिकी को बर्बाद करने को प्रतिबद्ध है.
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