नवजोत सिंह सिद्धू एक खूंखार जानवर हैं, जानें ऐसा क्यों बोलीं उनकी पत्नी

नवजोत सिंह की पत्नी नवजोत कौर ने उनकी रिहाई न होने की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि अच्छे आचरण के चलते नवजोत सिद्धू की रिहाई की जानी थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 27, 2023, 10:39 AM IST
  • 'सिद्धू खूंखार जानवर हैं, उनसे दूर रहें...'
  • सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर का फूटा गुस्सा
नवजोत सिंह सिद्धू एक खूंखार जानवर हैं, जानें ऐसा क्यों बोलीं उनकी पत्नी

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा झटका लगा. कयास लगाए जा रहे थे कि बेहतर स्वभाव के लिए सिद्धू को जेल से रिहा किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उनकी रिहाई टल गई. इसी के चलते कांग्रेस नेताओं ने पंजाब के सीएम भगवंत मान के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की.

क्या पंजाब सरकार को है 'सिद्धूफोबिया'?
कांग्रेस ने आप की भगवंत मान सरकार का विरोध करते हुए ये दावा किया है कि राज्य सरकार का जो 'सिद्धूफोबिया' है, वह अब भी दूर नहीं हुआ है. इसी के साथ नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने भी सरकार पर धावा बोला है.

पंजाब कांग्रेस (Pubjab Congress) के पूर्व अध्यक्ष शमशेर सिंह ढुल्लो, पूर्व विधायक मोहिंदर सिंह केपी, पूर्व विधायक नवतेज सिंह चीमा, राजिंदर सिंह और अश्विनी सेखरी ने सरकार का विरोध किया. ये सभी नेता पटियाला स्थित सिद्धू के आवास पर पहुंचे.

सिद्धू खूंखार जानवर की श्रेणी में आते हैं?
सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने ये ट्वीट किया है कि 'नवजोत सिंह सिद्धू खूंखार जानवर की श्रेणी में आते हैं, इसलिए सरकार उन्हें आजादी के 75वें वर्ष पर राहत नहीं देना चाहती है. आप सभी से अपील है कि उनसे दूर रहें.'

आपको बता दें, 1988 के रोड रेज मौत के मामले में पंजाब के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू एक साल की सजा काट रहे हैं.

कैदियों के साथ अन्याय किया
दरअसल उम्मीद की जा रही थी कि सिद्धू उन 50 कैदियों में शामिल हो सकते हैं, जिन्हें गणतंत्र दिवस पर विशेष छूट दी जा सकती है लेकिन जब दिन आया तो सिद्धू की रिहाई पर राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया. शमशेर सिंह ढुलो ने पटियाला में मीडिया से कहा कि 26 जनवरी और 15 अगस्त को राज्यों द्वारा अच्छे व्यवहार वाले कुछ कैदियों को विशेष छूट दी जाती है.

शमशेर सिंह ढुलो ने मीडिया के सामने ये दावा किया कि सिद्धू का नाम उन 51 कैदियों की सूची में शामिल था, जो गणतंत्र दिवस पर जल्द रिहाई के पात्र थे लेकिन लगता है कि सिद्धू के खिलाफ पंजाब और केंद्र सरकार का जो 'सिद्धूफोबिया' है, वह अब भी दूर नहीं हुआ है.

बता दें, 20 मई 2022 को नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई थी. इसी के बाद पटियाला अदालत में सिद्धू ने आत्मसमर्पण कर दिया. और उन्हें जेल में डाल दिया गया था.

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