नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को करगिल में सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ दिवाली मनाई. इस दौरान जब एक युवा सैन्य अधिकारी ने 2001 में मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके साथ ली गई एक तस्वीर उन्हें भेंट की, तो भावुक पल सामने आया. यह तस्वीर उस वक्त ली गई थी, जब मोदी सैनिक स्कूल गए थे, जहां वह सैनिक पढ़ा करता था.
स्कूल में पढ़ते वक्त 'सीएम मोदी' से मिला था
अधिकारियों ने बताया कि मेजर अमित ने गुजरात के बालाचड़ी में सैनिक स्कूल में मोदी से मुलाकात की थी. मोदी राज्य का मुख्यमंत्री बनने के तत्काल बाद अक्टूबर में उस स्कूल गए थे. एक अधिकारी ने कहा, 'आज करगिल में दोनों फिर जब एक-दूसरे से मिले तो यह बहुत भावुक मुलाकात थी.' तस्वीर में अमित और एक अन्य छात्र मोदी से शील्ड लेते हुए दिख रहे हैं.
साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से हर साल सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ दिवाली मनाने के अपने रिवाज का पालन करते हुए, मोदी ने कारगिल में आज सैनिकों के साथ यह त्योहार मनाया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा युद्ध को अंतिम विकल्प के रूप में देखा है, लेकिन सशस्त्र बलों के पास देश पर बुरी नजर रखने वाले किसी भी व्यक्ति को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत और रणनीति है. मोदी ने 1999 में करगिल संघर्ष के बाद इस सीमावर्ती क्षेत्र की अपनी यात्रा को भी याद किया.
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ ऐसा कोई युद्ध नहीं हुआ है जब करगिल ने विजय पताका नहीं फहराई है.’ उन्होंने कहा कि दिवाली ‘आतंक के अंत के उत्सव’ का प्रतीक है. मोदी ने देश की सीमा पर दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखते हुए कहा, ‘मैंने करगिल युद्ध को करीब से देखा है. यह मेरा कर्तव्य था जो मुझे उस समय करगिल ले आया था. उस समय की कई यादें हैं जब जीत की आवाज चारों ओर गूंज रही थी.’
बुनियादी ढांचों का हुआ विकास
उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में, सरकार ने नई प्रौद्योगिकियों को अपनाकर सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास और बलों में महिलाओं को शामिल कर सशस्त्र बलों में सुधारों को लागू करने पर काम किया है. मोदी ने कहा, ‘सशस्त्र बलों में महिलाओं के शामिल होने से हमारी ताकत बढ़ेगी.’
सैन्य सुधारों को लागू किया जा रहा है
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में दशकों से सुधार की जरूरत थी, जिन्हें अब लागू किया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र तभी सुरक्षित होता है जब उसकी सीमाएं सुरक्षित हों, अर्थव्यवस्था मजबूत हो और समाज आत्मविश्वास से भरा हो. मोदी ने कहा कि भारत अपने बाहरी और आंतरिक दोनों तरह के दुश्मनों से पूरी ताकत के साथ निपट रहा है और देश के भीतर से ‘आतंकवाद, नक्सलवाद और चरमपंथ’ को ‘उखाड़ने’ के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया.
भारत ने युद्ध को कभी पहले विकल्प के रूप में नहीं देखा
उन्होंने कहा कि भारत ने कभी भी युद्ध को पहले विकल्प के रूप में नहीं देखा. उन्होंने कहा, ‘हमने हमेशा युद्ध को अंतिम विकल्प के रूप में देखा है. हम वैश्विक शांति के पक्ष में हैं. लेकिन सामर्थ्य के बिना शांति हासिल नहीं की जा सकती.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे सशस्त्र बलों के पास रणनीति के साथ-साथ ताकत भी है. अगर कोई हम पर बुरी नजर डालने की हिम्मत करता है, तो हमारे तीनों सशस्त्र बल अच्छी तरह से जानते हैं कि मुंहतोड़ जवाब कैसे दिया जाता है.’
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