नई दिल्ली: Manish Sisodia and Arvind Kejriwal: मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति मामले में जमानत मिल गई है. 18 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट से उन्हीं बड़ी राहत मिली है. हालांकि, सिसोदिया के दोस्त और दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल फिलहाल जेल में ही हैं. उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिली है. अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने पर खुशी जाहिर की है. अब AAP के कार्यकर्ताओं की ओर से केजरीवाल की जमानत का इंतजार किया जा रहा है, ताकि सियासत में 'जय-वीरू' की जोड़ी एक बार फिर देखने को मिले.
केजरीवाल और सिसोदिया की 2 दशक पुरानी दोस्ती
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की दोस्ती 2 दशक से भी पुरानी है. दोनों अन्ना आंदोलन में साथ थे, साथ में पार्टी बनाई, साथ में सरकार बनाई और साथ में सत्ता पर काबिज हुए. एक CM बना तो दूसरा उसका डिप्टी. जब जेल जाने की बारी आई तो दोनों को ही सलाखों के पीछे भी जाना पड़ा. सिसोदिया की गिरफ्तारी पहले हुई, जबकि अरविंद केजरीवाल बाद में गिरफ्तार किए गए.
केजरीवाल चलाया करते थे NGO
अरविंद केजरीवाल सियासत में आने से पहले इनकम टैक्स के अधिकारी हुआ करते थे. वे बतौर अधिकारी भी गरीबों की मदद किया करते थे. साल 1998 में अरविंद केजरीवाल ने एक NGO शुरू किया, जिसका नाम परिवर्तन रखा गया. ये NGO झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले गरीब लोगों की मदद करता था. इसके बाद उन्होंने इसे ही अपना फुल टाइम पेशा बना लिया था.
मनीष सिसोदिया ने कवर की स्टोरी
तब मनीष सिसोदिया टीवी पत्रकार हुआ करते थे. उन्होंने केजरीवाल के NGO पर एक स्टोरी की थी. स्टोरी टेलीकास्ट होने के अगले दिन केजरीवाल से सिसोदिया की मुलाकात हुई. बस यहीं दोनों के बीच दोस्ती का सिलसिला शुरू हुआ. केजरीवाल ने एक इंटरव्यू में बताया- सिसोदिया ऐसे पहले इंसान थे, इन्होंने 'परिवर्तन' आगे बढ़ाने के लिए काम किया. सिसोदिया पहले से ही खुद का 'कबीर' नाम से NGO चलाते थे. फिर सिसोदिया ने पत्रकारिता छोड़ दी और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में ही आगे बढ़ने का फैसला किया.
जब दोनों राजनीति में आए
इसके बाद साल 2006-2007 सूचना के अधिकार (RTI) का मौसादा तैयार हो रहा था. तब सोशल एक्टिविस्ट अरुणा रॉय ने सिसोदिया और केजरीवाल को अपनी टीम में शामिल किया. 9 लोगों की कमेटी में सिसोदिया सदस्य थे. जबकि अरविंद केजरीवाल RTI कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे थे. फिर 2011 में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने अपने साथियों के साथ मिलकर लोकपाल की मांग उठाई. अन्ना आंदोलन के प्रमुख चेहरा बने. 2 अक्टूबर, 2012 को सबने मिलकर आम आदमी पार्टी बनाई. धीरे-धीरे केजरीवाल के बाकी दोस्त जैसे कुमार विश्वास, योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पार्टी से अलग हो गए. लेकिन केजरीवाल और सिसोदिया की जोड़ी नहीं टूटी.
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