नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में जब बजरंग दल और पीएफआई को बैन करने का वादा किया, तभी से सियासी महकमे में कोहराम मचा हुआ है. अब ये बवाल कर्नाटक से मध्य प्रदेश पहुंच गया है. बजरंग दल बैन को लेकर संगठग के कार्यकर्ताओं का उग्र प्रदर्शन देखा जा रहा है. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं रैली निकालकर जबलपुर कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और वहां उन्होंने उग्र प्रदर्शन किया.
कांग्रेस कार्यालय पर पत्थरबाजी कर की तोड़फोड़
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जबलपुर में कांग्रेस कार्यालय पर पत्थरबाजी की और तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस कार्यालय के साथ निजी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया. प्रदर्शन के बाद मौके पर पुलिस की टीम पहुंची. पुलिस ने इस मामले में कहा कि जांच के बाद की संवैधानिक कार्यवाही जाएगी.
देखें वीडियो..
#WATCH | Madhya Pradesh: Banjrang Dal workers vandalise Congress office in Jabalpur. pic.twitter.com/BFU0LaPZPP
— ANI (@ANI) May 4, 2023
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के वादे के बाद देश भर में विरोध शुरू हो गया है.
बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय में की तोड़फोड़
कांग्रेस ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को जारी अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा कि जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच 'नफरत फैलाने' वाले बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ ‘‘कड़ी और निर्णायक कार्रवाई’’ करने को प्रतिबद्ध है. इसमें कहा गया है कि कार्रवाई में ऐसे संगठनों के खिलाफ 'प्रतिबंध' भी शामिल होगा.
इस घोषणापत्र का संघ परिवार ने कड़ा विरोध किया था. बजरंग दल की स्थानीय इकाई ने एक दिन पहले कहा था कि वह यहां बलदेव बाग इलाके में कांग्रेस कार्यालय के सामने प्रदर्शन करेगी. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि 30 मिनट तक प्रदर्शन करने के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता हमारे कार्यालय में घुस गए और उन्होंने तोड़फोड़ की. घटना से आक्रोशित स्थानीय कांग्रेस विधायक और नेता शहर के कोतवाली पुलिस थाने गये जहां उनलोगों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. शहर की पुलिस की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं मिल सकी है.
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से जारी घोषणापत्र के विरोध में राज्य के कई हिस्सों में बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया. इस घोषणापत्र में कांग्रेस ने कर्नाटक में सत्ता में आने पर बजरंग दल सहित अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है.
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने किया ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ
विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के प्रस्ताव के खिलाफ कुछ जगहों पर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ भी किया. उनके बृहस्पतिवार शाम को हनुमान मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी कांग्रेस के वादे के विरोध में ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने की योजना है. सूत्रों के मुताबिक, विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरु, चिक्कबल्लापुर, श्रीरंगपटना, मांड्या और चिक्कमगलूरु में विरोध-प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि श्रीरंगपटना में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अपना आक्रोश जाहिर करने के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र की प्रतियां फाड़ीं और उन पर चप्पल मारी.
बजरंग दल और विहिप से जुड़े नेताओं ने एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से बड़ी संख्या में अपने परिजनों के साथ बृहस्पतिवार शाम को हनुमान मंदिर या किसी भी अन्य मंदिर पहुंचकर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने की अपील की है. एक धार्मिक नेता ने लोगों से एकजुट होने और ‘हिंदू एकजुटता का प्रदर्शन करने की अपील की है, जो अंतत: 10 मई को परिलक्षित होनी चाहिए.’
कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में कहा..
कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. पार्टी ने कहा है, 'हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र हैं और बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदायों के बीच दुश्मनी या नफरत को बढ़ावा देने वाले बजरंग दल, पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) व अन्य संगठनों और व्यक्तियों द्वारा इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है. हम कानून के अनुसार ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने सहित अन्य निर्णायक कार्रवाई करेंगे.'
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विजयनगर जिले के होस्पेट में आयोजित एक जनसभा में इस प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था. मोदी ने कहा था, 'पहले उन्होंने श्रीराम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प लिया है. यह देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस पार्टी को प्रभु श्रीराम से भी तकलीफ होती थी और अब जय बजरंगबली बोलने वालों से भी तकलीफ हो रही है.' भाषा
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