Lalu Yadav Birthday: जब लालू यादव का भूत से हुआ सामना, दोस्त ले जाने लगे थे श्मशान!

Lalu Yadav Birthday: 11 जून, 2024 को बिहार के पूर्व CM लालू यादव का जन्मदिन है. वे इस दिन 76 साल के हो जाएंगे. उनकी आत्मकथा 'गोपालगंज टू रायसीना: माई पॉलिटिकल जर्नी’ में बचपन का एक किस्सा लिखा गया है, इसमें उन्होंने एक वाकया बताया है जब भूत से उनका आमना सामना हुआ. 

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Jun 10, 2024, 07:06 PM IST
  • लालू के बचपन का किस्सा
  • फुलवरिया गांव में रहते थे लालू
Lalu Yadav Birthday: जब लालू यादव का भूत से हुआ सामना, दोस्त ले जाने लगे थे श्मशान!

नई दिल्ली: Lalu Yadav Birthday: राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख और बिहार के पूर्व CM लालू यादव राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. उनके बारे में कहा जाता है, 'जब तक रहेगा समोसे में आलू, तब तक रहेगा बिहार में लालू'. ये नारा बिहार की सियासत में उनकी प्रासंगिकता को दर्शाता है. 11 जून, 2024 को लालू यादव का जन्मदिन है, वे इस दिन 76 साल के हो जाएंगे. सियासी हस्तियों से लेकर बिहार के आम लोगों तक के पास लालू यादव के कई किस्से हैं. ऐसा ही एक दिलचस्प किस्सा खुद लालू यादव ने बताया है, जिसमें उनका सामना भूत से हुआ.

लालू के सूधन चाचा संन्यासी थे
लालू प्रसाद यादव की आत्मकथा ‘गोपालगंज टू रायसीना: माई पॉलिटिकल जर्नी’ (लेखक- नलिन वर्मा) में इस किस्से का जिक्र किया गया है. लालू ने बताया कि उनके पिता कुंदन राय के तीन भाई थे. इनमें से एक सूधन राय ने शादी नहीं की थी. वे संन्यासी बन गए थे. लालू के सूधन चाचा काली माई और बरम बाबा (स्थानीय देवता) को पूजते थे. वे लोगों के अदंर से भूत भगाया करते थे. वे मांस-मछली भी नहीं खाते थे. घर में कोई भी नॉनवेज की बात करता तो वे उसे डांटने लग जाते थे. 

पीपल के नीचे सुन रहे थे गीत
लालू बताते हैं कि गर्मियों के दिन थे. उस दिन पूर्णिमा थी, रात एकदम चमकदार थी. लालू के घर के पीछे पीपल का एक बड़ा पेड़ था. इसके नीचे बरम बाबा का डेरा होता था. उस रात गांव के ही एक काका सोरठी-बिरिजभार सुना रहे थे. ये एक तरह की भोजपुरी लोक प्रेम कहानी है. कुछ लोग काका को सुन रहे थे. इनमें लालू भी थे, उन्हें लोक गीत सुनना अच्छा लगता है. 

श्मशान की ओर जाने लगे लालू
गीत सुनते-सुनते लालू की वहीं आंख लग गई. लालू को पता ही नहीं चला कि काका का गीत खत्म हो गया और सारे लोग अपने-अपने घर चले गए. फिर दो लड़कों आए और उन्होंने लालू के दोस्तों की नकल करते हुए उन्हें उठाया. फिर वे लालू को अपने साथ ले जाने लगे. लालू आधी नींद में थे, इसलिए उन्होंने कुछ खास ध्यान नहीं दिया. फिर वे लालू को गांव के बाहर के श्मशान की ओर ले जाने लगे. कुछ दूर चलते ही लालू लघुशंका के लिए रुक गए. साथ में वे दोनों लड़के भी रुक गए. तभी गांव के एक बुजुर्ग तपेसर बाबा वहां से गुजर रहे थे. उन्होंने पूछा-कौन है रे? लालू बोले- हम हैं ललुआ.

भौंचक्के रह गए लालू
फिर तपेसर बाबा ने पूछा- कहां जा रहे हो? चलो घर जाओ. तपेसर बाबा की ये बात सुनते ही वे दोनों लड़के वहां से भाग गए. अगले दिन सुबह लालू अपने दोस्तों के पास गए. जब लालू ने उनसे पूछा कि वे रात को उन्हें श्मसान क्यों ले जा रहे थे. तब उन्होंने बताया कि वे तो रात में अपने घर में सो रहे थे. ये सुनते ही लालू तपेसर बाबा के घर पहुंचे. लालू ने पूरा किस्सा बताया, तो तपेसर बाबा बोले कि मैं तो रात को कहीं गया ही नहीं, घर पर सो रहा था. ये सुनने के बाद लालू भौंचक्के रह गए. 

बरम बाबा ने बचाया
इसके बाद लालू अपने घर पहुंचे और मां को सारा वाकया बताया. लालू की मां ने कहा कि जो तुम्हारे दोस्त बनकर आए, वे भूत थे. जिन तपेसर बाबा ने तुम्हें बचाया, वे बरम बाबा थे. बरम बाबा न बचाते तो तुम्हें भूत श्मसान घाट ले जाकर मार देते. लालू की मां ने उन्हें बरम बाबा की पूजा करने के लिए भी कहा. इसके बाद लालू जब भी अपने गांव फुलवरिया जाते हैं, तब वे बरम बाबा के सामने सिर जरूर झुकाते हैं.

Disclaimer: यहां लिखा गया किस्सा ‘गोपालगंज टू रायसीना: माई पॉलिटिकल जर्नी’ किताब से लिखा गया है. Zee Bharat का मकसद अंधविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है.

ये भी पढ़ें- कौन बनेगा BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष? चौंका सकते हैं ये 3 नाम

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़