Nuh Violence: जानें कौन हैं IPS ममता सिंह, जिन्होंने मंदिर में फंसे हजारों लोगों को बचाया

हरियाणा के नूंह में जारी बवाल के बीच एक पुलिस अधिकारी की जांबाजी की कहानी सामने आई है.  जिसने फायरिंग और पत्थराबाजी के बीच करीब ढाई हजार लोगों की जान बचाई.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 2, 2023, 12:31 PM IST
  • जानिए कौन हैं ममता सिंह
  • राष्ट्रपति से मिल चुका है सम्मान
Nuh Violence: जानें कौन हैं IPS ममता सिंह, जिन्होंने मंदिर में फंसे हजारों लोगों को बचाया

नई दिल्लीः हरियाणा के नूंह में जारी बवाल के बीच एक पुलिस अधिकारी की जांबाजी की कहानी सामने आई है.  जिसने फायरिंग और पत्थराबाजी के बीच करीब ढाई हजार लोगों की जान बचाई. दरअसल, करीब ढाई हजार श्रद्धालुओं ने अपनी जान बचाने के लिए नलहड़ के एक शिव मंदिर में शरण ली थी. इन श्रद्धालुओं में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. मंदिर के चारों तरफ गोलियां चल रही थी जिस वजह से अंदर फंसे श्रद्धालुओं का बाहर निकलना मुश्किल था. इसी वक्त एडीजीपी ममता सिंह इन लोगों को बचाने का बीड़ा उठाया. 

भारी गोलीबारी में मंदिर में घुसी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एडीजीपी ममता सिंह के साथ एडीजीपी साउथ रेंज और आईपीएस रवि किरण भी मौजूद थे. दंगाइयों की तरफ से लगातार पत्थरबाजी बढ़ती जा रही थी. लेकिन उपद्रव को शांत ना होता देख फैसला लिया गया कि लोगों को गुटों में बांटकर कवर फायरिंग कर बाहर निकाला जाएगा. जिसके बाद मंदिर में फंसे श्रद्धालुओं को अलग-अलग गुटों में बांटा गया फिर उन्हें पुलिस ने कवर फायरिंग देते हुए बाहर निकाला और गाड़ियों में बैठा दिया. 2 घंटों में करीब ढाई हजार लोगों को बाहर निकाला गया.

गृह मंत्री विज ने की तारीफ
करीब ढाई हजार लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर एडीजीपी ममता सिंह की खूब तारीफ की जा रही है. प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने भी मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान ममता सिंह की तारीफ की. विज ने कहा कि उपद्रव के दौरान एक मंदिर में लोगों को बंधक बनाए जाने की सूचना मिलने के बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई थी जिसके बाद ममता सिंह और अन्य पुलिस अफसरों ने लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. ममता सिंह दिलेरी के साथ डटी रहीं. 

राष्ट्रपति से भी मिल चुका है सम्मान
एडीजीपी ममता सिंह का कहना है कि उन्होंने सिर्फ अपना काम किया है. लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना उनकी जिम्मेदारी थी. जिस समय पुलिस मौके पर पहुंची तो फायरिंग और पत्थरबाजी हो रही थी. फिर लोगों को डेढ़ से दो घंटे में बाहर निकाल लिया गया. आपको बता दें कि ममता सिंह कई मौकों पर अपनी जाबांजी का परिचय दे चुकी हैं. उन्हें 2022 में राष्ट्रपति पदक भी मिल चुका है.

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