नई दिल्ली. कर्नाटक में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी द्वारा पहली कैंडिडेट लिस्ट जारी करते ही नाराजगी सामने आने लगी है. लिस्ट जारी हुए अभी 24 घंटे भी नहीं बीते लेकिन कई विधायकों के समर्थकों ने बवाल करना शुरू कर दिया है. कई विधायक टिकट काटे जाने से नाराज हैं.
मंगलवार को बीजेपी ने 189 कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी की है. दूसरी लिस्ट 20 अप्रैल तक आने की उम्मीद जताई जा रही है. पहली लिस्ट में कई बड़े नेताओं का टिकट काटा गया है. माना जा रहा है कि पार्टी को इसे लेकर नाराजगी झेलनी पड़ सकती है जिसकी शुरुआत भी हो चुकी है.
बता दें कि भाजपा ने लंबे मंथन के बाद पहली सूची जारी की है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई अपनी पारंपरिक शिगांव सीट से चुनाव लड़ेंगे जबकि उनकी सरकार में मंत्री आर अशोक कनकपुरा सीट पर कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार और अन्य मंत्री वी सोमन्ना वरुणा विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को चुनौती देंगे. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की. केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की रविवार को बैठक होने के बाद भाजपा के शीर्ष नेताओं ने कई दौर की बैठक की और उसके बाद उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया. सीईसी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए थे. अन्य बैठकों में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वरिष्ठ भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा सहित कई अन्य नेता भी शामिल हुए.
52 नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा
सिंह ने बताया कि पार्टी ने 52 नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है. उनके मुताबिक 189 उम्मीदवारों की सूची में 32 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं जबकि 30 अनुसूचित जाति और 16 अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं. उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों की पहली सूची में कुल आठ महिलाओं को जगह मिली है. सिंह ने कहा कि सूची में पांच वकील, नौ चिकित्सक, तीन अकादमिक क्षेत्र से, एक सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी और भारतीय पुलिस सेवा के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के नाम शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इसमें सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हुए तीन कर्मचारी और आठ सामाजिक कार्यकर्ताओं को जगह दी गई है.
कर्नाटक में भाजपा के चुनाव प्रभारी नियुक्त किए गए प्रधान ने कहा कि नयी पीढ़ी का नेतृत्व तैयार करने के मकसद से उम्मीदवारों के नाम तय किए गए हैं. बार-बार यह पूछे जाने पर कि भाजपा ने कितने वर्तमान विधायकों को टिकट से वंचित किया है, उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के चयन में नयापन लाया गया है. उन्होंने कहा, ‘अभी 34 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा बाकी है. एक बार जब इन सबकी घोषणा हो जाएगी तो आकलन किया जाएगा.’
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने को कहे जाने से अप्रसन्न पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार की हुबली धारवाड़ (मध्य) सीट पर भाजपा ने किसी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है. प्रधान ने कहा कि उन्होंने शेट्टार से बात की है और उन्हें भरोसा है कि उन्हें मना लिया जाएगा. येदियुरप्पा के पुत्र बी वाई विजयेंद्र अपने पिता की पारंपरिक सीट शिकारीपुरा से चुनाव लड़ेंगे. ऐसी चर्चा थी कि पार्टी उन्हें वरुणा से भी उम्मीदवार बना सकती है. हालांकि वरुणा से पार्टी ने सिद्धरमैया के खिलाफ वी सोमन्ना को उतारने का फैसला किया है. सोमन्ना चामराजनगर विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ेंगे. वह पहले वहीं से जीतते रहे हैं. कांग्रेस के कद्दावर नेता शिवकुमार को कनकपुरा से चुनौती देने के लिए मैदान में उतारे गए मंत्री आर अशोक अपने पारंपरिक क्षेत्र पद्नाभनगर से भी चुनाव लड़ेंगे. भाजपा महासचिव सी टी रवि चिकमगलूर सीट से एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे.
बड़े नाम जिनको टिकट नही मिला
बड़े नामों में पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी हैं जिनका टिकट कटा है. आनन्द सिंह का टिकट कटा है लेकिन उनके बेटे सिद्धार्थ सिंह को मिला. सिटिंग मिनिस्टर एस अंगारा को टिकट नहीं मिला. वो सुलिया विधानसभा से चुनाव लड़ते हैं. ईश्वरप्पा और जगदीश शेट्टर के विधानसभा क्षेत्र की घोषणा इस सूची में नही.
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