झारखंड के इस इलाके में बनी हैं कुत्तों की कब्र, लिखी हैं वफादारी की इबादत

Jamshedpur Dog Kennel: झारखंड के जमशेदपुर में कुत्तों के लिए एक स्मारक स्थल बनाया है. इस स्मारक में कुत्तों को मरने के बाद पूरे सम्मान के साथ दफनाया जाता है. वहीं इन कब्रों पर कुत्तों की बहादुरी की इबारत भी दर्ज की जाती है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 14, 2024, 01:45 PM IST
  • सम्मान के साथ दफनाया जाता है कुत्तों को
  • बिल्लियों के लिए भी बनाया जाएगा शवदाह गृह
झारखंड के इस इलाके में बनी हैं कुत्तों की कब्र, लिखी हैं वफादारी की इबादत

नई दिल्ली:  Jamshedpur Dog Kennel: कुत्ते न सिर्फ किसी व्यक्ति के खास दोस्त होते हैं बल्कि वे अपनी बहादुरी और वफादारी से हमेशा लोगों का दिल भी जीतते हैं. घर की सुरक्षा हो या देश की सुरक्षा कुत्ते अपना बलिदान देने में भी पीछे नहीं हटते. यही कारण है कि मरने के बाद उन्हें सम्मानपूर्वक दफन किया जाता है. बता दें कि झारखंड के जमशेदपुर में कुत्तों के लिए एक स्मारक स्थल बनाया है. इस स्मारक में कुत्तों को मरने के बाद पूरे सम्मान के साथ दफनाया जाता है. वहीं इन कब्रों पर कुत्तों की बहादुरी की इबारत भी दर्ज की जाती है. 

1964 में पहली बार बनाया गया थाडॉग कैनाल  

बता दें कि  टाटा मोटर्स कंपनी ने साल 1964 में पहली बार जमशेदपुर शहर के टेल्को इलाके में डॉग कैनाल बनाया था. यहां पर कंपनी की सुरक्षा में तैनात राणा वॉन एक्रुअल नाम के ल्सेशियन नस्ल के कुत्ते को दफनाया गया था. कंपनी पिछले 60 साल से इस कैनाल की देख-रेख कर रही है. लगभग 5 एकड़ में फैले गए इस कैनाल में अब तक 41 कुत्तों को दफनाकर उनके स्मारक बनाए गए हैं. वहीं हर स्मारक पर कुत्ते के नाम के साथ ही उनकी नस्ल, जन्म-मृत्यु की तारीख और उनकी वफादारी-बहादुरी-कुर्बानी की पूरी कहानी बताई गई है. 

पुलिस भी लेती है कुत्तों की मदद 

टाटा मोटर्स कंपनी ने साल 1963 में पहली बार कंपनी के कैंपस में संपत्तियों की सुरक्षा के लिए 4 ट्रेंड कुत्ते तैनात किए थे. इनमें 2 कुत्ते अल्सेशियन और 2 डाबरमैन नस्ल के थे. इनके साथ 4 डॉग हैंडलर भी रखे गए थे, जिन्हें मुंबई पुलिस की ओर से ट्रेंड किया गया था. बता दें कि कंपनी में आज भी सेफ्टी-सिक्योरिटी के लिए उच्च नस्लों वाले एक दर्जन कुत्ते तैनात किए गए हैं. इनकी सुविधा के लिए सिंगल रूम, ग्रूमिंग शेड, किचन, ट्रेनिंग ग्राउंड और ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई हैं. इन कुत्तों ने देश भर के कई शहरों के डॉग शो में कई खिताब जीते हैं. कई बार तो जिला पुलिस और प्रशासन भी इन कुत्तों की मदद लेता है. 

बिल्लियों के लिए बनेगा  शवदाह गृह 

जमशेदपुर में डॉग कैनाल के बाद अब बिल्लियों के शवों के सम्मान पूर्वक अंतिम संस्कार के लिए विद्युत शवदाह गृह के निर्माण की भी तैयारी चल रही है. बता दें कि यह शवदाह गृह स्वर्णरेखा नदी घाट पर बनने वाला है.  इस शवदाह गृह के निर्माण में जमशेदपुर केनेल क्लब, टाटा स्टील और कई संस्थाएं सहयोग कर रही हैं. करीब 30 लाख की लागत से बनाए जाने वाले विद्युत शवदाह गृह में स्ट्रीट डॉग, पालतू कुत्तों और बिल्लियों के शवों का भी अंतिम संस्कार किया जाएगा. 

इनपुट 
आईएएनएस 

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