नई दिल्ली: 25 मार्च को ISIS चार मिनट का वीडियो जारी करके दावा करता है कि भारत मे ISIS के चार स्लीपर सेल एक्टिव हैं.. वीडियो में आतंकी जिन्हें भारत का रहने वाला बताया जा रहा है उनके हाथ में देसी हथियार और देसी गंडासे दिखाई देते हैं. और फिर कुछ दिन बाद एक लड़का गंडासा लेकर गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिस वालों हमला करता दिखाई देता है.
ISIS के वीडियो के आतंकी के हांथ में गंडासा और गोरखनाथ मंदिर के बाहर हमलवार के हांथ में गंडासा ये संयोग से कुछ ज्यादा दिखाई देता है. इस वीडियो के आने के बाद से सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए हैं और पूरे देश से अब इस मॉड्यूल के तार खोजे जा रहे हैं. बहरहाल वीडियो आने के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या इस्लामिक स्टेट से जुड़े हैं गोरखनाथ मन्दिर हमले के तार?
वीडियो में आतंकियों के लीडर के हाथ में मौजूद है गंडासा. ऐसा गंडासा अमूमन साउथ इंडिया में ही इस्तेमाल किया जाता है. वहीं खुफिया एजेंसियों से बचने के लिए वीडियो में हिंदी बोल रहे आतंकियों की आवाज बदल दी गई है और चेहरों को ढंका गया है.
मुर्तज़ा अब्बासी ने किए कई खुलासे
दूसरी तरफ लखनऊ के ATS मुख्यालय में गोरखपुर हमले के आरोपी अहमद मुर्तज़ा अब्बासी से पूछताछ जारी है. ATS को पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं. मुर्तजा ने पूछताछ में बताया है कि उसने नेपाल बॉर्डर से 2 बांका और एक चाकू खरीदा था.( 1 बांका से हमला किया था और बाकी 1 बांका और 1 चाकू बैग से बरामद हुआ था).
क्या बताया है अब तक पुलिस को
मुर्तजा ने पुलिस को बताया है कि शनिवार रात एटीएस के लोगों के घर पहुंचने से वो डर गया था जिसकी वजह से वो सिद्धार्थनगर जाने वाली बस में बैठकर भाग गया था. पूरी रात वो सड़कों पर ट्रेन की पटरियों पर घूमता रहा. तड़के सुबह वो नेपाल चला गया और कुछ समय बाद नेपाल से आकर सीधा मंदिर पहुंचकर हमला कर दिया.
यूपी एटीएस की पूछताछ में मुर्तज़ा ने बताया कि पैसों का लेन देन वो PAYPAL एप के जरिए करता था. पूछताछ में पता चला है कि मुर्तजा व्हाट्सएप पर कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार प्रसार करने वाला एक ग्रुप भी चला रहा था.,ग्रुप में यूपी के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों से नेपाल तक 200 से ज्यादा सदस्य जुड़े हुए थे.
व्हाट्सएप ग्रुप पर कट्टरपंथियों का नेटवर्क
एटीएस की टीम ने ग्रुप के सदस्यों की पड़ताल कर उनकी धरपकड़ की शुरुआत की है और कानपुर, नोएडा, संभल और शामली समेत अन्य जगहों से उठाए गए युवक व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्य थे. मुर्तजा के ग्रुप से जुड़े सदस्यों से एटीएस और अन्य खुफिया एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं. उसके व्हाट्सएप ग्रुप के 15 से ज्यादा सदस्यों के मोबाइल फोन, लैपटॉप और बैंक डिटेल खंगाले जा रहे हैं. केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी भी रिमांड के दौरान मुर्तजा से पूछताछ करेंगे, और जरूरत हुई तो रिमांड की अवधि बढ़वाई जाएगी. जल्द केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी लखनऊ एटीएस मुख्यालय आएंगे.