भारतीय सेना को मिलेगी नई वर्दी, आर्मी ने कराया डिजाइन का रजिस्ट्रेशन

इंडियन आर्मी ने गुरुवार को इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय सेना ने अपनी नए डिजाइन और छद्मावरण पैटर्न वाली वर्दी के बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) को पंजीकृत कराया है

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 3, 2022, 09:33 PM IST
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भारतीय सेना को मिलेगी नई वर्दी, आर्मी ने कराया डिजाइन का रजिस्ट्रेशन

नई दिल्ली: भारतीय सेना ने कैमोफ्लैग डिजाइन वाली नई वर्दी के लिए इंट्लैक्चुएल प्रॉपर्टी राइट का रजिस्ट्रेशन कराया है. इंडियन आर्मी ने गुरुवार को इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय सेना ने अपनी नए डिजाइन और छद्मावरण पैटर्न वाली वर्दी के बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) को पंजीकृत कराया है. 

नई वर्दी की डिजाइन का कोई और नहीं कर सकता इस्तेमाल

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डिजाइन तथा छद्मावरण पैटर्न के विशेष बौद्धिक संपदा अधिकार अब पूरी तरह से भारतीय सेना के पास हैं. इसलिए किसी भी ऐसे विक्रेता द्वारा वर्दी का निर्माण करना, जो ऐसा करने के लिए अधिकृत नहीं है, उसे अवैध गतिविधि में संलिप्त माना जायेगा और कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा. 

15 अक्टूबर को होगा नई वर्दी का अनावरण

पंजीकरण को पेटेंट कार्यालय के आधिकारिक जर्नल में 21 अक्टूबर को प्रकाशित किया गया है. भारतीय थल सेना के सैनिकों के लिए नयी डिजिटल पैटर्न कॉम्बैट वर्दी का अनावरण 15 जनवरी को सेना दिवस पर किया गया था. बयान में कहा गया है कि नयी वर्दी पहले से बेहतरीन है और यह समकालीन तथा कार्यात्मक रूप से उम्दा डिजाइन वाली है. 

स्पेशल है सेना की नई वर्दी

सेना की नई वर्दी के कपड़े को हल्का, मजबूत, जल्दी सूखने वाला और रख रखाव के लिए आसान बनाया गया है. महिलाओं की लड़ाकू वर्दी तैयार करते समय विशेष ध्यान रखा गया है. लिंग विशिष्ट समायोजन करने से नयी वर्दी की विशिष्टता स्पष्ट होती है. भारतीय सेना व्यवस्था के तहत डिजाइन के विशिष्ट अधिकारों को लागू कर सकती है और नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एक सक्षम अदालत के सामने नागरिक कार्रवाई के माध्यम से मुकदमे दायर कर सकती है. 

NIFT की मदद से बनाई गई है नई वर्दी

मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) के प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में बनाई गई डिजाइन के अनुसार नयी वर्दी की सिलाई में असैन्य तथा सैन्य सिलाई कारीगरों को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं. 

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