चीन से विवाद के बीच भारत ने अपने बेड़े में जोड़े खतरनाक हथियार, 5 वर्षों में 1.93 लाख करोड़ की खरीद

यूएस, रसिया, फ्रांस, स्पेन, इजरायल समेत कई अन्य देशों से डिफेंस के क्षेत्र में यह सौदा हुआ. इसके अलावा डीआरडीओ डिफेंस के कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है.   

Edited by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 4, 2023, 08:05 AM IST
  • कई देशों से भारत के हुए खरीद सौदे.
  • राफेल समझौता इसमें शामिल नहीं.
चीन से विवाद के बीच भारत ने अपने बेड़े में जोड़े खतरनाक हथियार, 5 वर्षों में 1.93 लाख करोड़ की खरीद

नई दिल्ली. भारत ने पिछले 5 सालों में दूसरे देशों से 1.93 लाख करोड़ के हथियार खरीदे. इसमें हेलिकॉप्टर, एअरक्रॉफ्ट राडार, रॉकेट, हथियार, हमलावर राइफल्स मिसाइल्स शामिल हैं. यूएस, रसिया, फ्रांस, स्पेन, इजरायल समेत कई अन्य देशों से डिफेंस के क्षेत्र में यह सौदा हुआ. इसके अलावा डीआरडीओ डिफेंस के कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है.   

लोकसभा में शुक्रवार को लिखित में जानकारी देते हुए रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया, ‘ भारत ने 2017-18 से अब तक 264 कैपिटल परचेज कॉन्ट्रेक्ट साइन किए हैं. इनमें से 88 कॉन्ट्रेक्ट विदेशी वेंडर्स के साथ हए. यह कुल कॉन्ट्रेक्ट का 36 फीसदी है.    

किस साल में हुआ कितना करार 
लोकसभा में विस्तृत जानकारी देते हुए अजय भट्ट ने बताया, ‘ 2017-18 में 30,677 करोड़, 2018-19 में 38,116 करोड़, 2019-20 में 40,330 करोड़, 2020-21 में 43,916 करोड़ और 2021-22 में 40,840 करोड़ रु. की खरीद हुई. उन्होंने यह भी बताया कि 2016 में फ्रांस के साथ हुआ 59,000 करोड़ रुपए का राफेल समझौता इस खरीद में शामिल नहीं है.  

डिफेंस में आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत
रक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि 2020 में डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए डिफेंस एक्वीजिसन प्रोसिजर की शुरुआत हुई. इसका मकसद दूसरे देशों पर भारतीय डिफेंस की निर्भरता कम करना और आत्मनिर्भर बनना है. डिफेंस एक्वीजिसन प्रोसिजर में भारतीय हथियारों को प्राथमिकता दी गई. ग्लोबल हथियार खरीदने के लिए डिफेंस एक्वीजिसन काउंसिल बनाई गई. इसकी अनुमति के बाद ही विदेशी हथियार खरीदे जा सकते हैं.  

डिफेंस के बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है डीआरडीओ 
जूनियर डिफेंस मिनिस्टर ने बताया कि डीआरडीओ 55 मिशन मोड प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है. इन प्रोजेक्ट्स की कीमत 73,943 करोड़ रुपए है. कम्बैट सूट्स, टॉरपीडोस, फाइजर एअरक्रॉफ्ट, क्रूज मिसाइल्स, एरियल्स व्हीकल्स, गैस ट्रिब्यून इंजिन, वॉरहेड्स, सर्फेस टू एअर मिसाइल्स, एंटी सिप गन्स, रॉकेट्स, एडवांस्ड टोओड आर्टिलरी गन सिस्टम, इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स, सर्फेस टू एअर मिसाइल्स, एंटी सिप मिसाइल्स, एंटी एअरफील्ड औजार और ग्लाइड बम समेत कई और बड़े प्रोजेक्ट्स शामिल हैं.  

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