INDIA गठबंधन कर ले ये 7 काम, तो आसान हो जाएगी 2024 की लड़ाई

India Alliance for Lok Sabha Election 2024: इंडिया गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कमर कास चुका है. INDIA गठबंधन को मजबूती से लड़ने के लिए छोटे दलों को सभी साथ लेना होगा.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Jan 9, 2024, 12:14 PM IST
  • नीतीश को संयोजक बनाना फायदेमंद
  • बड़े नेताओं की वापसी भी जरूरी है
INDIA गठबंधन कर ले ये 7 काम, तो आसान हो जाएगी 2024 की लड़ाई

नई दिल्ली: India Alliance for Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव नजदीक है. पार्टियां चुनाव में दमखम दिखाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं. विपक्षी गठबंधन INDIA भी चुनाव से पहले सीट शेयरिंग पर चर्चा कर रहा है. 2024 की राह इंडिया गठबंधन के लिए काफी मुश्किल भरी है. खासकर सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाना तलवार की धार पर चलने के बराबर है. हालंकि, इसके अलावा भी इंडिया गठबंधन के सामने कुछ चुनौतियां हैं, जिन्हें पार किए बिना इंडिया का NDA को टक्कर देना मुश्किल है.  

INDIA को करंगे होंगे ये 7 काम

1. भारत जोड़ो में आएं विपक्षी नेता: 14 जनवरी से कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू हो रही है. इस बार इस यात्रा में विपक्षी दलों के नेताओं को भी न्योता दिया गया है. यदि ये नेता भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ आते हैं तो एकता का संदेश जाएगा. पब्ल्कि को भी इसका भरोसा होगा कि INDIA गठबंधन BJP को टक्कर देने में सक्षम है.

2. बयानबाजी रोकी जाए: INDIA गठबंधन के लिए सबसे जरूरी है कि नेताओं का आपसी समन्वय हो. अधीर रंजन, कमलनाथ, ममता बनर्जी समेत कईनेता हैं जो एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं. इस कारण कार्यकर्ता भी दूसरी पार्टी को स्वीकार नहीं करते. ऐसे में जरूरी है कि पार्टियां अपने नेताओं को सख्त हिदायत दें कि INDIA के सहयोगियों के खिलाफ बयानबाजी नहीं करनी है. 

3. नीतीश को संयोजक बनाएं: बिहार के मुख्यमंत्री और JDU के सुप्रीमो नीतीश कुमार के सभी दलों के नेताओं से अच्छे संबंध हैं. ममता बनर्जी से लेकर सोनिया गांधी तक, नीतीश के कहे का मान रखती हैं. ऐसे में जरूरी है कि नीतीश को संयोजक बनाया जाए और वो सभी पार्टियों के बीच समन्वय बैठाएं. 

4. छोटे दलों को साधना जरूरी: INDIA गठबंधन में छोटे दलों का होना बहुत जरूरी है. जैसे राजस्थान में BAP, यूपी में RLD और बिहार में LJP को साथ लेकर चलना होगा. छोतटे दल छोटी जातियों को साधते हैं. इसलिए जरूरी है कि इन्हें साथ लाया जाए और कम मार्जिन वाली सीटों पर अधिक प्रयास किए जाएं.

5. मायावती को साथ लाएं: यूपी की पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावाती को इंडिया गठबंधन में लाने की कवायद की जा रही है. यदि वो इंडिया का हिस्सा बनती हैं तो दलित वोटर्स को साधने में आसानी होगी. यूपी के अलावा BSP का राजस्थान, उत्तराखंड और पंजाब में भी प्रभाव है. 
 
6. सीट शेयरिंग: सीट शेयरिंग सबसे जरूरी मुद्दा है. यदि इसे हल कर लिया जाता है तो यह इंडिया गठबंधन के लिए एक बड़ी कामयाबी होगी. खासकर यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में सीटों का सही बंटवारा जरूरी है. 

7. बड़े नेताओं की वापसी: हाल ही में कांग्रेस ने सीएम जगन रेड्डी की बहन YS शर्मिला का कमबैक करवाया है. उनके आने से पार्टी आंध्र में मजबूत हो सकती हैं. यदि  INDIA के किसी दल के नेता NDA के दलों के साथ चले गए हैं तो उनका कमबैक हो सकता है. इसमें मुख्य नाम बंगाल से सुवेंदु अधिकारी, मप्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया, यूपी से जितिन प्रसाद हैं. 

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