नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने कंपनी के विनिवेश से जुड़ी सभी गतिविधियों को बंद कर दिया है. सरकार द्वारा फिलहाल कंपनी के निजीकरण की योजना छोड़ने के बाद यह फैसला किया गया है.
सरकार ने किया है ये बड़ा फैसला
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि सरकार ने तीन जून, 2022 को एक पत्र के जरिये कंपनी में अपनी पूरी 53 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए जारी निविदा को रद्द कर दिया है.
बीपीसीएल ने कहा, ‘ऐसे में, डेटा रूम सहित विनिवेश से संबंधित सभी गतिविधियों को बंद किया जा रहा है.’ कंपनी के लिए तीन में से दो बोलीदाताओं के कदम पीछे खींचने के बाद सरकार ने रुचि पत्र (ईओआई) को वापस लिया.
इसके लिए खोला था वर्चुअल डेटा रूम
बीपीसीएल ने पिछले साल अप्रैल में कॉन्फिडेंशियलिटी अंडरटेकिंग (सीयू) पर हस्ताक्षर करने वाले योग्य बोलीदाताओं के लिए वर्चुअल डेटा रूम खोला था, जिसमें कंपनी की ज्यादातर वित्तीय जानकारी थी.
एक अतिरिक्त गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद कंपनी की व्यावसायिक रूप से संवेदनशील जानकारी वाला एक डेटा रूम भी बोलीदाताओं के लिए खोला गया था.
उद्योगपति अनिल अग्रवाल की खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता समूह और अमेरिकी उद्यम कोष अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट तथा आई स्क्वायर्ड कैपिटल एडवाइजर्स ने बीपीसीएल में सरकार की 53 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी. हालांकि, पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन में घटती रुचि के बीच दोनों इकाइयां वैश्विक निवेशकों को जोड़ पाने में असमर्थ रहीं और बोली से हट गयीं.
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