20 हजार करोड़ रुपये का एफपीओ क्यों लिया वापस, बताने के लिए खुद सामने आए गौतम अडानी

कारोबारी गौतम अडानी ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण पूर्ण अभिदान (subscription) मिलने के बावजूद एफपीओ वापस लिया. कल बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड को लगता है कि एफपीओ को जारी रखना नैतिक रूप से सही नहीं होगा.’’ 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 2, 2023, 10:47 AM IST
  • कहा कि हम पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे
  • ध्यान पर्यावरण, सामाजिक और शासन पर रहेगा
20 हजार करोड़ रुपये का एफपीओ क्यों लिया वापस, बताने के लिए खुद सामने आए गौतम अडानी

नई दिल्ली: कारोबारी गौतम अडानी ने 20 हजार करोड़ का एफपीओ वापस लेने पर बड़ा बयान दिया है. बता दें कि ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में अरबों डॉलर की गिरावट आई है. रिपोर्ट के मुताबिक अडानी के मार्केट कैप में करीब 7 लाख करोड़ की कमी आई. वहीं अडानी की दौलत में इतनी कमी आई कि वह दुनिया के अरबपतियों की सूची में दूसरे से 15वें स्थान पर आ गए हैं. 

क्या बोले अडानी
उन्होंने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण उनके समूह की प्रमुख कंपनी को पूर्ण अभिदान (subscription) मिलने के बावजूद अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने का फैसला किया गया. 

नैतिकता को बताई वजह
‘अडानी एंटरप्राइजेज’ ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की थी. अडानी ने अगले दिन बृहस्पतिवार को निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद कल उसे वापस लेने के फैसले से कई लोगों को हैरानी हुई होगी, लेकिन कल बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड को लगता है कि एफपीओ को जारी रखना नैतिक रूप से सही नहीं होगा.’’ 

उन्होंने कहा कि इस फैसले का मौजूदा कामों और भविष्य की योजनाओं पर कोई असर नहीं होगा.हम परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे.’’ अडानी ने कहा कि कंपनी की बुनियाद मजबूत है.हमारा बही-खाता सही और परिसम्पत्तियां मजबूत हैं. हमारा ‘एबिटा’ का स्तर और नकदी प्रवाह काफी मजबूत रहा है और ऋण चुकाने का हमारा रिकॉर्ड बेदाग है. हम लंबी अवधि के मूल्य निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे और विकास कार्य आंतरिक संसाधनों द्वारा किए जाएंगे.
 
पर्यावरण, सामाजिक और शासन पर रहेगा ध्यान
अडानी ने कहा कि बाजार के स्थिर होने के बाद हम पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा ध्यान ‘ईएसजी’ (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) पर अधिक रहेगा और हमारा हर व्यापार जिम्मेदाराना तरीके से बढ़ता रहेगा. हमारे कामकाजी तरीकों को सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय साझेदारों ने स्वीकृत किया है, जो हमारी वैश्विक संस्थाओं से जुड़े हैं.’

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