कौन है विनोद उपाध्याय , जिसे यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में किया ढेर, एक लाख का था इनामी

उत्तर प्रदेश पुलिस कुख्यात अपराधियों के लिए काल साबित हो रही है. यूपी में अपराध से आतंक मचाने वालों बदमाशों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस अलर्ट मोड पर है और इसके लिए ऑपरेशन लंगड़ा भी चलाया जा रहा है. इसी कार्रवाई में आज यूपी पुलिस को बड़ी कमियाबी मिली है.

Written by - Ansh Raj | Last Updated : Jan 5, 2024, 09:27 AM IST
कौन है विनोद उपाध्याय , जिसे यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में किया ढेर, एक लाख का था इनामी

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस कुख्यात अपराधियों के लिए काल साबित हो रही है. यूपी में अपराध से आतंक मचाने वालों बदमाशों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस अलर्ट मोड पर है और इसके लिए ऑपरेशन लंगड़ा भी चलाया जा रहा है. इसी कार्रवाई में आज यूपी पुलिस को बड़ी कमियाबी मिली है. बता दें कि यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स ने कुख्यात गैंगस्टर विनोद उपाध्याय को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. 

विनोद पर था एक लाख का इनाम...
कुख्यात गैंगस्टर पर गंभीर धाराओं में करीब 35 मुकदमे दर्ज थे. गोरखपुर पुलिस ने बड़े माफिया और शार्प शूटर पर एक लाख रुपये का इनाम रखा था. गैंगस्टर विनोद ने अपना एक गिरोह बनाकर हत्या की वारदात को अंजाम देता था.  मिली जानकारी के मुताबिक विनोद ने बस्ती, गोरखपुर, संतकबीर नगर में कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है. 

सुबह-सुबह मुठभेड़...
एसटीएफ मुख्यालय के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह ने इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें गैंगस्टर की लोकेशन की जानकारी मिली, इसके बाद उसे पकड़ने के लिए टीम निकली और उसे घेर लिया. खुद को टीम से घिरता देख विनोद ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में उसे यूपी एसटीएफ की गोली लग गई. गोली लगने के बाद विनोद को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बता दें कि टॉप 10 बदमाशों में विनोद उपाध्याय का नाम शामिल था. वहीं गोरखपुर क्राइम ब्रांच और एसटीएफ को विनोद की पिछले 7 महीने से तलाश में थी.

कौन था विनोद?
शातिर विनोद उपाध्याय यूपी के अयोध्या जिले के पुरवा का रहने वाला था. मिली जानकारी के मुताबिक विनोद शुरू से ही शातिर किस्म का अपराधी रहा है. साल 2004 में किसी अपराध में वोनिद सजा काट रहा था. इसी दौरान जीतनारायण नाम के बंदी ने गोरखपुर जेल में विनोद को किसी बात को लेकर हुए विवाद में एक थप्पड़ मार दिया था. इस बात से विनोद काफी नाराज था. इसके बाद से ही विनोद जीतनारायण की हत्या करने की फिराक में था. साल 2005 में जब जीतनारायण जेल से बहार आया, तो विनोद ने बखीरा के पास उनको मौत के घाट उतार दिया. विनोद ने इसी हत्याकांड से जुर्म की दुनिया में कदम रखा था. 

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