Gaganyaan Mission: क्रू एस्केप सिस्टम की सफल टेस्टिंग, तकनीकी दिक्कत के चलते टल गई थी

Gaganyaan Mission: इसरो ने शनिवार को गगनयान मिशन के क्रू एस्केप सिस्टम की सफल टेस्टिंग की. श्रीहरिकोटा से सुबह 10 बजे इसे लॉन्च किया गया. यह मिशन 8.8 मिनट का था, जो 17 किमी ऊपर जाने के बाद सतीश धवन सेंटर से 10 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में क्रू मॉड्यूल उतार गया. इससे पहले इसकी लॉन्चिंग आखिरी पांच सेकेंड पहले होल्ड कर दी गई थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 21, 2023, 01:06 PM IST
  • आखिर हो गई क्रू एस्केप सिस्टम की सफल टेस्टिंग
  • पहले लॉन्चिंग में देरी की जानकारी दी गई थी
Gaganyaan Mission: क्रू एस्केप सिस्टम की सफल टेस्टिंग, तकनीकी दिक्कत के चलते टल गई थी

नई दिल्लीः Gaganyaan Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को गगनयान मिशन के क्रू एस्केप सिस्टम की सफल टेस्टिंग की. श्रीहरिकोटा से सुबह 10 बजे इसे लॉन्च किया गया. यह मिशन 8.8 मिनट का था, जो 17 किमी ऊपर जाने के बाद सतीश धवन सेंटर से 10 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में क्रू मॉड्यूल उतार गया. इससे पहले इसकी लॉन्चिंग आखिरी पांच सेकेंड पहले होल्ड कर दी गई थी.

इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाना था लेकिन कुछ ही पल पहले इसे रोक दिया गया. इंजन इग्निशन में दिक्कत आने से लॉन्चिंग टालनी पड़ी थी. 

'लिफ्ट-ऑफ का प्रयास आज नहीं हो सका'
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, लिफ्ट-ऑफ का प्रयास आज नहीं हो सका. इंजन इग्निशन नहीं हुआ है, हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या गलत हुआ है. वाहन सुरक्षित है, हमें यह देखने की जरूरत है कि क्या हुआ. हम जल्द ही वापस आएंगे. जो कंप्यूटर काम कर रहा है उसने लॉन्च रोक दिया है. हम इसे ठीक करेंगे और जल्द ही लॉन्च शेड्यूल करेंगे.

 

पहले लॉन्चिंग में की गई थी देरी
इससे पहले इसरो ने जानकारी दी थी कि वह अपने पहले परीक्षण यान के प्रक्षेपण को पूर्वनिर्धारित समय से 30 मिनट बाद अंजाम देगा. परीक्षण यान डी1 मिशन के तहत लॉन्च पैड से प्रक्षेपण पहले सुबह आठ बजे होना था, लेकिन अब इसमें बदलाव कर इसे सुबह साढ़े आठ बजे किया गया है. इस देरी की वजह भी खराब मौसम को ही बताया जा रहा है.

इसरो ने दी थी आधिकारिक जानकारी
इसरो ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, 'प्रक्षेपण भारतीय समयानुसार सुबह साढ़े आठ बजे होगा.' मिशन नियंत्रण केंद्र ने भी यह घोषणा की. समय में बदलाव किए जाने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन सूत्रों ने कहा है कि बारिश और बादल छाए रहने के कारण ऐसा किया गया होगा. 

समय में बदलाव की घोषणा के तुरंत बाद सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मॉनिटर पर प्रदर्शित उल्टी गिनती कर रही घड़ी को हटा दिया गया. शुक्रवार शाम सात बजे से 13 घंटे की उल्टी गिनती शुरू की गई थी. 

गगनयान मिशन की दिशा में बड़ा कदम
बता दें कि इसरो एकल-चरण तरल प्रणोदक वाले रॉकेट के इस प्रक्षेपण के जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम 'गगनयान' की दिशा में आगे बढ़ेगा. इस दौरान, प्रथम ‘कू मॉड्यूल’ के जरिये अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का परीक्षण किया जाएगा. 

इसरो का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है.

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