सबसे साफ सर्दियां, फिर भी क्यों है दिल्ली सबसे प्रदूषित? रिपोर्ट में खुलासा

पिछले 5 वर्षों में इस बार की सर्दी सबसे साफ हवा वाली रही, फिर भी दिल्ली सबसे प्रदूषित शहर रहा. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट यानी सीएसई के सालाना आंकलन में ये खुलासा हुआ है.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Mar 6, 2023, 10:53 PM IST
  • CSE की रिपोर्ट में हुआ ये बड़ा खुलासा
  • एनसीआर में सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली
सबसे साफ सर्दियां, फिर भी क्यों है दिल्ली सबसे प्रदूषित? रिपोर्ट में खुलासा

नई दिल्ली: प्रदूषण के मामले में 2022 की सर्दी दिल्ली वालों के लिए थोड़ी सी राहत लेकर आई. 2018 के बाद 5 साल में  पहली बार  प्रदूषण अपने सबसे न्यूनतम स्तर पर रहा, उसके बावजूद पूरे एनसीआर रीजन में सबसे प्रदूषित शहर के मामले में दिल्ली ने ही बाजी मारी.

सीएसई के सालाना आंकलन में खुलासा
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट यानी सीएसई के सालाना आंकलन के मुताबिक इस साल अक्टूबर से जनवरी तक के सर्दी के सीजन में मौसम की मेहरबानी और प्रदूषण के स्तर का सही आकलन करके जो कदम उठाए गए, इन दोनों की वजह से प्रदूषण का स्तर काबू में रहा. CSE के मुताबिक सर्दियां शुरू होते ही बारिश हो गई, जिसकी वजह से घना कोहरा नहीं हो पाया.

इस वर्ष लगातार 10 दिन ऐसे रहे, जब प्रदूषण के लिहाज से हवा सीरियस (severe) यानी अति गंभीर की श्रेणी में रही. इसके अलावा एक साथ चार दिन घने कोहरे वाले भी रहे. पूरे एनसीआर रीजन में दिल्ली के अलावा फरीदाबाद गुरुग्राम और नोएडा में थी. प्रदूषण के हालात काफी खराब है जबकि एनसीआर के बाकी शहर में हालात इस बार बेहतर रहे.

दिल्ली NCR के सबसे प्रदूषित Hot spot

Jahangirpuri - PM2.5 level of 201 µg/m³.  
Anand Vihar (196 µg/m³), 
Wazirpur (185 µg/m³), 
Mundka (185µg/m³), 
Rohini (182 µg/m³) and 
Bawana (179 µg/m³). 
Bahadurgarh with 105 µg/m³,  
Gurugram  Faridabad 133 µg/m³

पराली ने इस साल भी दिल्ली का दम घोंटा
इस बार फरहा हीरोइन की घटनाएं पराली जलाने की घटनाएं 55846 रही हों, जिसकी वजह से दिल्ली में करीब 53 दिनों तक पराली के धुएं का असर रहा. पिछले वर्षों के मुकाबले यह भी कम है. हालांकि पराली के धुएं की वजह से दिल्ली में अक्टूबर से दिसंबर तक 4 टन धुआं गिरा है.

यह एनालिसिस पीएम 2.5 के स्तर के आधार पर किया गया. Pm 2.5 इस वर्ष 2018 के मुकाबले 17% कम खतरनाक रहा. इस बार पीएम 2.5 का औसत 160 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था.

दिल्ली में 3 नवंबर 2022 को पीएम 2.5 का स्तर 401 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा जो कि सबसे ज्यादा यानी peak था पिछले 5 वर्षों के मुकाबले में यह भी 27% कम रहा. 2019 में पीएम 2.5 का पिक 542 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर रहा. 

इस बार 10 दिन हवा अति गंभीर कैटेगरी में रही यानी सीवियर. जबकि पिछले वर्ष 24 दिन ऐसे रहे थे. 2018-19 में ऐसे 33 दिन रहे थे जब हवा बेहद गंभीर की श्रेणी  में रही.

पहली बार सर्दी में good air days
इस वर्ष अक्टूबर के महीने में दिल्ली में 5 दिन गुड एयर क्वालिटी वाले रहे जबकि इससे पहले पिछले 5 वर्षों में ऐसा एक बार ही नहीं हुआ था, इस बार गुड एयर क्वालिटी (good air quality days) बारिश होने की वजह से दिल्ली को मिले हैं.

इस बार पूर्वी दिल्ली के शहादरा इलाके में हवा में बेहतरी दर्ज की गई. जबकि आरके पुरम, द्वारका, और शादीपुर.. इन तीन इलाकों में हवा पिछले वर्षों के मुकाबले  खराब हुई.

CSE के मुताबिक दिल्ली का land lock होना सबसे बड़ी समस्या है. दिल्ली में clean fuel  को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है. Electric cars की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. कूड़े का निपटारा भी बेहतर तरीके से किए जाने की जरूरत है.

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