Pragyan Rover ने किया कमाल, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ढूंढ निकाला ऑक्सीजन, हाइड्रोजन की खोज जारी

Chandrayaan 3 Updates: भारत को अपने चंद्रयान-3 मिशन के तहत एक और बड़ी सफलता मिली है. चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान पर लगे पेलोड के माध्यम से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में सल्फर, ऑक्सीजन और अन्य तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Aug 30, 2023, 09:15 AM IST
  • ISRO ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी जानकारी
  • बेंगलुरु के ISRO की प्रयोगशाला में विकसित हुआ है LIBS
Pragyan Rover ने किया कमाल, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ढूंढ निकाला ऑक्सीजन, हाइड्रोजन की खोज जारी

नई दिल्लीः Chandrayaan 3 Updates: भारत को अपने चंद्रयान-3 मिशन के तहत एक और बड़ी सफलता मिली है. चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान पर लगे पेलोड के माध्यम से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में सल्फर, ऑक्सीजन और अन्य तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है. इस बात की जानकारी खुद इसरो (ISRO) की ओर से दी गई है. हालांकि, ISRO के मुताबिक चंद्रमा के सतह पर अभी भी हाइड्रोजन की खोज जारी है. 

ISRO ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी जानकारी
ISRO ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोग लगातार जारी हैं. इन-सीटू मेजरमेंट्स के जरिए रोवर प्रज्ञान पर लगा उपकरण लेजर-इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) ने स्पष्ट रूप से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि की है. इसके अलावा एलुमिनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का पता चला है. हालांकि, अभी भी हाइड्रोजन की खोज लगातार जारी है. 

बेंगलुरु स्थित ISRO की प्रयोगशाला में विकसित हुआ है LIBS 
ISRO के मुताबिक LIBS नामक पेलोड बेंगलुरु स्थित ISRO की प्रयोगशाला इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम्स (LEOS) में विकसित किया गया है. ISRO ने अपनी वेबसाइट पर 28 अगस्त को एक आर्टिकल के जरिए बताया कि LIBS इन-सीटू मेजरमेंट के माध्यम से चांद की सतह पर सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि कर रहा है. 

चांद की सतह पर तीव्र लेजर किरणें फेंकता है LIBS 
दरअसल, LIBS चांद की सतह पर तीव्र लेजर किरणें फेंकता है और फेंकने के बाद एनालिसिस करता है. ये लेजर किरणें अत्यधिक तीव्रता के साथ पत्थर या मिट्टी पर गिरती हैं. इन किरणों से उस सतह पर काफी गर्म प्लाज्मा की उत्पत्ति होती है. यह ठीक वैसा ही होता है, जैसा सूरज से तरफ से आता है. इस प्लाज्मा से निकलने वाली रोशनी की मदद से ही इस बात का पता लगाया जाता है कि सतह पर किस तरह की तत्वों की मौजूदगी है. 

चांद के सतह पर इन तत्वों की है मौजूदगी
ISRO से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक चंद्रमा के सतह पर एल्युमीनियम, सल्फर, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम और टाइटेनियम की मौजूदगी की पुष्टि हुई है.  इसका मतलब यह हुआ कि ये तत्व कम या ज्यादा मात्रा चंद्रमा के सतह पर निश्चित रूप से मौजूद हैं. इसके साथ ही मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन की भी उपस्थिति का पता चला है. हालांकि, हाइड्रोजन की मौजूदगी को लेकर अनुसंधान अभी भी जारी है. 

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