Champai Soren: चंपई सोरेन तो रिटायरमेंट मोड में थे, फिर BJP के इस नेता ने कैसे पलट दी बाजी?

Champai Soren News: झारखंड के पूर्व CM चंपई सोरेन कल भाजपा में शामिल होंगे. हाल ही में उन्होंने देश के गृह मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह से मुलाकात की थी. इस दौरान चंपई के साथ उनके बेटे बाबूलाल भी मौजूद थे. खास बात ये है कि चंपई रिटायरमेंट मोड में थे, फिर अचानक से BJP में आने का फैसला कैसे किया?

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Aug 29, 2024, 09:52 AM IST
  • 30 अगस्त को BJP जॉइन करेंगे
  • CM रेस में हो सकते हैं चंपई सोरेन
Champai Soren: चंपई सोरेन तो रिटायरमेंट मोड में थे, फिर BJP के इस नेता ने कैसे पलट दी बाजी?

नई दिल्ली: Champai Soren News: झारखंड के पूर्व CM और JMM के दिग्गज नेता रहे  चंपई सोरेन ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, वे 30 अगस्त को BJP में शामिल होंगे. पहले ये माना जा रहा था कि चंपई सोरेन के साथ JMM के कुछ वर्तमान और पूर्व विधयाक भी भाजपा में आ सकते हैं. लेकिन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने समय रहते डैमेज कंट्रोल कर लिया और बड़ी बगावत नहीं हो पाई. इससे हताश चंपई भी संन्यास लेने की सोच रहे थे, लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा के एक नेता ने बाजी पलट दी.

बीजेपी के किस नेता ने रचा खेल?
भाजपा के जिस नेता ने चंपई सोरेन की राजनीति परिस्थितिओं को बदला, उन्हें नॉर्थ ईस्ट का चाणक्य या भाजपा का दूसरा अमित शाह कहा जाता है. ये असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा हैं. CM सरमा ने ही आगामी विधानसभा चुनाव से पहले JMM में बड़ी फूट का प्लान तैयार किया था. लेकिन हेमंत सोरेन ने ऑपरेशन लोटस को फेल कर दिया. हालांकि, सरमा को इतनी कामयाबी जरूर मिली के वे JMM के बड़े आदिवासी नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को अपने साथ लाने में सफल हुए. सियासी गलियारों में चर्चा है कि चंपई को दिल्ली के नेताओं की ओर से बड़े वादे किए गए हैं. 

चंपई सोरेन को क्या मिलेगा?
चंपई सोरेन भाजपा में क्यों जा रहे हैं, उन्हें क्या मिलेगा? यह सवाल तो हर किसी के मन में हैं. आइए, जानते हैं कि सियासी गलियारों में इसको लेकर क्या चर्चा है और चंपई के सियासी भविष्य की क्या संभावनाएं बन रही हैं?

1. यह तो साफ है कि यदि भाजपा झारखंड में सत्ता में आती है, तो चंपई सोरेन CM पद की रेस में सबसे आगे रहेंगे. वैसे भी वे लॉ प्रोफाइल नेता हैं, विवाद से नाता नहीं हैं. लिहाजा, PM मोदी गृह मंत्री शाह के सांचे में फिट बैठते हैं. हालांकि, बाबूलाल मरांडी समेत कुछ नेता उनके नाम पर असहमति दर्ज करवा सकते हैं.

2. चंपई सोरेन को CM नहीं बना पाने की स्थिति में उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल बनाया जा सकता है. भाजपा एक आदिवासी को राज्यपाल बनाकर जाति का बड़ा कार्ड खेल सकती है. आरक्षण और संविधान बदलने के मुद्दे पर आदिवासी वैसे भी खुलकर भाजपा के साथ नहीं हैं. 

3. चंपई सोरेन ने हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. तब चंपई के साथ उनके बेटे बाबूलाल सोरेन भी थे. बाबूलाल लंबे समय से घटशिला विधानसभा सीट पर सक्रिय हैं. यहां से वर्तमान में JMM के रामदास सोरेन विधायक हैं. भाजपा चंपई के बेटे को यहां से टिकट दे सकती है. 

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