नई दिल्लीः अर्धसैनिक बलों को पेंशन सहित अन्य सुविधाएं बहाल करने को लेकर बड़ा अपडेट आया है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने इन सुविधाओं को बहाल करने की मांग करते हुए राज्यसभा में बहस का नोटिस दिया है. इस मुद्दे पर जल्द बहस करने की मांग भी की गई है.
'10 लाख से अधिक जवान कर रहे काम'
संजय सिंह ने अपने नोटिस में कहा है कि देश में 10 लाख से अधिक अर्धसैनिक बलों के जवान काम कर रहे हैं. ये जवान सीमा सुरक्षा के साथ साथ बाढ़, प्राकृतिक आपदा, साम्प्रदायिक दंगों और चुनाव तक में अपनी जान की फिक्र किए बिना देश के नागरिकों की सुरक्षा करते हैं.
जवानों की पेंशन कर दी गई थी बंद
संजय सिंह ने मांग की है कि साल 2004 के बाद के जवानों की पेंशन बंद करने, कैंटीन की सुविधा पर जीएसटी लगाने, वन रैंक वन पेंशन का लाभ सातवें वेतन आयोग की तर्ज पर लागू ना होने, जवानों के बच्चों को उत्तम शिक्षण संस्थानों की कमी और जूनियर अधिकारियों को ठीक से पदोन्नति और वेतन लाभ ना मिलना शामिल है.
'आर्मी और अर्धसैनिक बलों में भेदभाव का आरोप'
नोटिस में ये भी कहा गया है कि आर्मी के जवानों को ये सभी सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन अर्धसैनिक बल के जवान इससे अछूते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार आर्मी और अर्धसैनिक बलों में भेदभाव कर रही है. उन्हें शहीद का दर्जा तक नहीं दिया जाता.
राज्यसभा के सभापति से चर्चा कराने का अनुरोध
संजय सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा होना जरूरी है. ऐसे में नियम 267 के तहत उन्होंने राज्यसभा के सभापति से अनुरोध करते हुए कहा है, कि अन्य कार्यों को स्थगित कर इस गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर सदन में चर्चा कराई जाए.
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