नई दिल्ली: कर्नाटक पुलिस ने मंगलवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में आठ घंटे तक चले अभियान के दौरान 80 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया, जिनमें अधिकतर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के पदाधिकारी व सदस्य हैं.
अशांति फैलाने की कर रहे थे कोशिश
पुलिस के अनुसार उसे खुफिया जानकारी मिली थी कि ये लोग समाज में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे थे. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) आलोक कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और कर्नाटक पुलिस ने पिछले सप्ताह कर्नाटक में छापेमारी की थी.
उस समय एनआईए ने सात जबकि राज्य की पुलिस ने 13 लोगों को हिरासत में लिया था. आलोक कुमार ने कहा, 'हमें विभिन्न एजेंसियों से सूचना मिली थी, जिसके आधार पर हमने तड़के 3 बजे अभियान शुरू किया, जो सुबह लगभग 11 बजे तक चला.'
80 से अधिक लोगों को हिरासत में भेजा
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि 80 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और उन्हें तालुक के कार्यकारी मजिस्ट्रेट के सामने पेश करके एहतियाती हिरासत में भेजने का अनुरोध किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'दो जमानत लेने के बाद ही उन्हें रिहा किया जाएगा. इनमें से एक जमानत किसी सरकारी कर्मचारी को जबकि दूसरी जमानत परिवार के सदस्य को लेनी होगी.'
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, वे पहले और अब भी सांप्रदायिक हिंसा, अव्यवस्था या समाज में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे थे. कुमार ने कहा कि गिरफ्तार किए गए अधिकतर लोग कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं, और कुछ पीएफआई के राजनीतिक मोर्चे एसडीपीआई से हैं.
उन्होंने कहा, 'उनमें से 80 से अधिक को हिरासत में ले लिया गया है, 20 अभी भी विचाराधीन हैं, हम उनसे पूछताछ कर रहे हैं, जिसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा.'
राज्य के इन जिलों में चलाया गया विशेष अभियान
उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस ने अच्छा काम किया है और विभिन्न राज्यों में चल रहे अभियान में कर्नाटक में सबसे अधिक व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है. यह अभियान बेंगलुरु ग्रामीण, मैसूर, शिवमोगा, तुमकुरु, कोलार, रायचूर, गडग, मंगलुरु, बेलगावी, विजयपुरा, बागलकोट, मांड्या, रामनगर, उडुपी, चामराजनगर, कलबुर्गी, हुबली और धारवाड़ समेत विभिन्न स्थानों पर चलाया गया.
बताया जा रहा है कि पुलिस ने छापेमारी के दौरान कुछ 'दस्तावेज और सबूत' जब्त किए हैं और आरोपियों से असामाजिक गतिविधियों में शामिल होने के बारे में पूछताछ की जा रही रही है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि 'कुछ सूचनाओं के आधार पर एक निवारक उपाय' के तौर पर यह पुलिस कार्रवाई की गई है.
मध्यप्रदेश में भी पीएफआई के खिलाफ एक्शन
मध्यप्रदेश पुलिस ने पीएफआई से जुड़े होने के आरोप में प्रदेश के आठ जिलों से 21 लोगों को हिरासत में लिया है. प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को यह जानकारी दी. मिश्रा ने उज्जैन में संवाददाताओं से कहा कि इंदौर, उज्जैन, और नीमच से चार-चार, राजगढ़ से तीन, शाजापुर और श्योपुर से दो-दो और भोपाल एवं गुना से एक-एक व्यक्ति को पकड़ा गया है.
इससे पहले राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की अगुवाई में कई एजेंसियों ने 22 सितंबर को देश के 15 राज्यों में एक साथ छापे मारे और देश में आतंकवाद के वित्त पोषण में कथित तौर पर शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था.
गृह मंत्री ने साझा की अहम जानकारियां
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पिछले सप्ताह मध्यप्रदेश के इंदौर और उज्जैन से गिरफ्तारी के बाद, प्रदेश पुलिस ने राज्य के आठ जिलों से पीएफआई के संबंध में 21 लोगों को हिरासत में लिया है. उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए पीएफआई कार्यकर्ताओं से की गई पूछताछ के आधार पर इन लोगों को हिरासत में लिया गया है.
मिश्रा मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता भी हैं. पिछले बृहस्पतिवार को आतंकवाद के कथित वित्त पोषण के खिलाफ एनआईए की अगुवाई में छेड़े गए देशव्यापी अभियान के तहत पीएफआई के चार कार्यकर्ताओं को मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किया गया था. पीएफआई की स्थापना 2006 में केरल में की गई थी और वह भारत में हाशिये पर पड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का दावा करता है.
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