नई दिल्ली: सरकार ने रुपे डेबिट कार्ड और भीम यूपीआई मंच के जरिये दुकानों पर लगी पीओएस मशीनों एवं ई-कॉमर्स लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 2,600 करोड़ रुपये की बैंक प्रोत्साहन योजना लागू कर दी है.
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की कोशिश
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की वेबसाइट पर 14 जनवरी को जारी एक अधिसूचना में इस प्रोत्साहन योजना की जानकारी दी गई है. यह वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के संबंध में की गई घोषणा का ही एक हिस्सा है.
इस योजना के तहत एक अप्रैल, 2022 की तारीख से बैंकों को प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई है. इसमें रुपे डेबिट कार्ड के जरिये किए गए लेनदेन और भीम यूपीआई से 2,000 रुपये तक के लेनदेन की कुछ प्रतिशत राशि बैंकों को प्रोत्साहन के तौर पर दी जाएगी.
अधिकतम 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी
अधिसूचना में कहा गया है कि यह प्रोत्साहन योजना किफायती डिजिटल भुगतान मंच के तौर पर रुपे कार्ड एवं भीम यूपीआई के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के साथ ही बैंकों को भी एक मजबूत डिजिटल भुगतान परिवेश बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी.
यह योजना यूपीआई लाइट और यूपीआई 123पे को भी बढ़ावा देगी. दुकानदारों के पास लगी पीओएस मशीनों और ई-कॉमर्स मंचों पर रुपे कार्ड के जरिये किए गए भुगतान पर संबंधित बैंक को 0.4 प्रतिशत (अधिकतम 100 रुपये) की प्रोत्साहन राशि मिलेगी.
उद्योग क्षेत्रों के लिए भुगतान पर 0.15 प्रतिशत (अधिकतम छह रुपये) मिलेगा. वहीं भीम यूपीआई के जरिये दुकानदार को 2,000 रुपये तक का भुगतान किए जाने पर बैंक को लेनदेन की राशि का 0.25 प्रतिशत दिया जाएगा. वहीं बीमा, म्यूचुअल फंड, शिक्षा एवं रेलवे के लिए किए गए भुगतान का 0.15 प्रतिशत मिलेगा.
इस प्रोत्साहन योजना की अवधि अप्रैल, 2022 से एक साल तक रखी गई है. इसके लिए वित्तीय आवंटन 2,600 करोड़ रुपये तक सीमित रखा गया है.
(इनपुट: भाषा)
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